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Hindi News पैसा बिज़नेस रेपो रेट में हो सकती है आने वाले महीनों में कटौती! पीयूष गोयल को RBI पर भरोसा

रेपो रेट में हो सकती है आने वाले महीनों में कटौती! पीयूष गोयल को RBI पर भरोसा

पीयूष गोयल ने कहा कि भारत में 10 साल की औसत महंगाई दर करीब 5 से 5.5 प्रतिशत रही है। यह सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला दशक था।

पिछले डेढ़ साल में, ब्याज दर में 2.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।- India TV Paisa Image Source : PIYUSH GOYAL OFFICE/REUTERS पिछले डेढ़ साल में, ब्याज दर में 2.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

लोन के सस्ते होने और ईएमआई घटने का इंतजार लगभग हर किसी को है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भी सोमवार को उम्मीद जताई है कि इस बार भारतीय रिजर्व बैंक नीतिगत दर यानी रेपो रेट में कटौती करेगा। मुद्रास्फीति (महंगाई) के काबू में आने के साथ गोयल को लगता है कि केंद्रीय बैंक अगली बार राहत दे सकता है। बता दें, नीतिगत दर (रेपो) फरवरी, 2023 से 6.5 प्रतिशत के उच्चस्तर पर बनी हुई है। आरबीआई महंगाई को काबू में लाने के लिए रेपो दर का इस्तेमाल करता है।

देश की आर्थिक बुनियाद मजबूत

खबर के मुताबिक, गोयल ने कहा कि देश की आर्थिक बुनियाद मजबूत है और महंगाई कंट्रोल में है। उन्होंने कहा कि भारत में 10 साल की औसत महंगाई दर करीब 5 से 5.5 प्रतिशत रही है। यह सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला दशक था। इसके चलते, ब्याज दर में उल्लेखनीय रूप से कमी आई और केंद्रीय बैंक मजबूत हुआ और अब वह ब्याज दर को नीचे लाने की क्षमता रखता है। उन्होंने कहा कि बेशक पिछले डेढ़ साल में, यूक्रेन-संकट के बाद, ब्याज दर में फिर से 2.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

मुद्रास्फीति काफी हद तक नियंत्रण में

गोयल ने कहा कि अब जब मुद्रास्फीति काफी हद तक नियंत्रण में है, मुझे उम्मीद है कि ब्याज दर की स्थिति पलटेगी और जल्दी ही इसमें कमी आएगी। भले ही ब्याज दर में यह कमी अगली मौद्रिक नीति समीक्षा में हो या फिर उसके बाद वाली दूसरी मौद्रिक नीति समीक्षा में। अगर रिजर्व बैंक रेपो दर में कटौती करता है, तो कंपनियों और व्यक्तियों दोनों के लिए कर्ज लेने की लागत कम हो जाएगी। नतीजा होगा कि ईएमआई (कर्ज की मासिक किस्त) कम होगी। केंद्रीय बैंक ने 8 फरवरी को लगातार छठी बार नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा था।

जनवरी में 5.1 प्रतिशत पर थी

आरबीआई की अगली मौद्रिक नीति समीक्षा 5 अप्रैल को होगी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति इस साल जनवरी में 5.1 प्रतिशत पर थी, जो एक साल पहले समान महीने में 6.52 प्रतिशत के स्तर पर थी। थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति जनवरी में तीन महीने के निचले स्तर 0.27 प्रतिशत रही। मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं के दाम में कमी से थोक महंगाई दर कम हुई है। गोयल ने यह भी कहा कि सरकार का साल 2047 तक 30,000 अरब डॉलर से 35,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य है जो अभी 3,700 अरब डॉलर है।

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