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Hindi News पैसा बिज़नेस कच्चे तेल के भाव पर आज तय हों कीमतें तो पेट्रोल 151 रुपये और डीजल 110 रुपये मिलेगा

कच्चे तेल के भाव पर आज तय हों कीमतें तो पेट्रोल 151 रुपये और डीजल 110 रुपये मिलेगा

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 130 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है। अब ईंधन की कीमत में बढ़ोतरी के कयास लगाए जा रहे हैं।

<p>petrol</p>- India TV Paisa Image Source : FILE petrol

Highlights

  • अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत 130 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल के करीब
  • पांच राज्यों में चुनाव के बाद पेट्रोल-डीजल की कीमत में बढ़ोतरी की आशंका
  • ईंधन की कीमत बढ़ने से आम आदमी पर बढ़ेगा बोझ, बढ़ेगी महंगाई
नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन संकट के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 130 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है। वहीं, दूसरी ओर पांच राज्यों में चुनाव खत्म हो गए हैं। ऐसे में अब ईंधन की कीमत में बढ़ोतरी के कयास लगाए जा रहे हैं। आपके मन में भी यह सवाल उठ रहा होगा कि देश में पेट्रोल-डीजल की कीमत कितने रुपये प्रति लीटर तक बढ़ेगी। ऐसे में अगर कच्चे तेल के आज के भाव पर पेट्रोलियम कंपनियां कीमतें तय करें तो आपको पेट्रोल 151 रुपये और डीजल 110 रुपये मिलेगा प्रति लीटर मिलेगा। आइए, आपको हम बताते हैं कि कच्चे तेल के भाव के आधार पर पेट्रोल-डीजल की कीमत कैसे तय होती है। 

आज के भाव पर एक लीटर पेट्रोल-डीजल की कीमत की गणना 

8 मार्च को कच्चे तेल (ब्रेंटक्रूड ) की कीमत  130 डॉलर प्रति बैरल
मुद्रा विनिमय दर 76.96 रुपया/अमरीकी डॉलर
भारतीय मुद्रा में एक बैरल कच्चे तेल की कीमत  10,005 रुपया 
​एक बैरल कच्चा तेल में कुल कितने लीटर  159 लीटर
प्रति लीटर कच्चे तेल की कीमत  10,005/159  = 62.92 रुपये प्रति लीटर 
फ्रेट + रिफाइनरी प्रोसेसिंग + रिफाइनरी मार्जिन + ओएमसी मार्जिन + लॉजिस्टिक्स खर्च  10.22 रुपये प्रति लीटर 
प्रोसेसिंग के बाद ईंधन की कीमत (पेट्रोल पंप लिए तैयार) 73.14 रुपये प्रति लीटर
एक लीटर पर केन्द्र सरकार की एक्साइज ड्यूटी  21.80 रुपये 
पेट्रोल पंप डीलर का कमीशन  2.60 रुपये
इस बिन्दु पर एक लीटर डीजल की कीमत 97.54 रुपये 
प्रति लीटर 12.65 रुपये वैट डीजल पर लगने के बाद कीमत  110.19 रुपये प्रति लीटर 
पेट्रोल की फाइनल कीमत   151.78 रुपये प्रति लीटर 
 
 

रुपये की अहम भूमिका

पेट्रोल-डीजल की कीमत में रुपये की अहम भूमिका रहती है। अगर रुपया डॉलर के मुकाबले में कमजोर होता है, तो सरकार को अधिक रकम खर्च करनी पड़ती है। इसकी वजह से क्रू़ड ऑयल के इंपोर्ट की लागत बढ़ जाती है। ऐसे में सरकार पेट्रोल-डीजल के रेट को बढ़ाकर अपनी लागत को वसूल करती है।

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