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Hindi News पैसा बिज़नेस लग्जरी आइटम की डिमांड है हाई, ज्यादा महंगाई से बेसिक मांग हुई पस्त, निम्न वर्ग कुछ दबाव में

लग्जरी आइटम की डिमांड है हाई, ज्यादा महंगाई से बेसिक मांग हुई पस्त, निम्न वर्ग कुछ दबाव में

बाजार की गति बरकरार रखने के लिए सभी की नजरें आने वाले कुछ महीनों में त्योहारी मांग पर टिकी हैं। चुनाव के बाद स्थिर सरकार और आर्थिक नीतियों की निरंतरता बाजार को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती है।

जेनरल स्टोर में सामान खरीदते हुए कस्टमर्स।- India TV Paisa Image Source : REUTERS जेनरल स्टोर में सामान खरीदते हुए कस्टमर्स।

घरेलू अर्थव्यवस्था में लग्जरी आइटम की डिमांड (luxury item demand) काफी मजबूत है, जबकि अधिक महंगाई (Inflation) के चलते बेसिक डिमांड  प्रभावित हो रही है। प्रभुदास लीलाधर के शोध प्रमुख अमनीश अग्रवाल का यह कहना है। रिसर्च में कहा गया कि हमारा मानना है कि बाजार की गति बरकरार रखने के लिए सभी की नजरें आने वाले कुछ महीनों में त्योहारी मांग पर टिकी हैं। IANS का खबर के मुताबिक, साल 2024 में अस्थिर मॉनसून, जुलाई में अचानक बाढ़ और कुछ क्षेत्रों में ग्रामीण और उपभोक्ता मांग में देरी का असर दिखाएगा।

डिमांड की स्थिति
खबर के मुताबिक, रिसर्च में डिमांड की जो स्थिति है, वह उच्च और उच्च मध्यम वर्ग की तरफ से मजबूत मांग के साथ मिला हुआ है, जबकि निम्न वर्ग कुछ दबाव में दिख रहा है। तिमाही के दौरान यात्रा, पर्यटन, आभूषण पर खर्च अच्छा रहा है जबकि क्यूएसआर, कपड़े, 2डब्ल्यू पर असर पड़ा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पीवी लगातार मजबूत संख्या बता रहा है। वैश्विक वस्तुएं कृषि और कच्चे तेल से जुड़े दोनों क्षेत्रों में अस्थिर बनी हुई हैं। 

कमोडिटी निचले लेवल पर पहुंच गई
ऐसा लगता है कि आम तौर पर कमोडिटी निचले लेवल पर पहुंच गई है और खराब डिस्ट्रीब्यूशन और अल नीनो का प्रभाव आने वाले महीनों में पामऑयल सहित कई कृषि वस्तुओं की कीमतों पर पड़ने की संभावना है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मध्य पूर्व की विफलता से आने वाले समय में तेल की कीमतों में अस्थिरता बढ़ने की संभावना है। उनका कहना है कि फसलों और मुद्रास्फीति (Inflation) पर अल नीनो के प्रभाव, भारत में ब्याज दर में कटौती की कम संभावना, अमेरिका में ब्याज दरों में अपेक्षित वृद्धि और आगे आने वाली राजनीतिक अनिश्चितता के चलते पिछले छह हफ्तों में निफ्टी ने सिर्फ 1.2 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। 

अल नीनो प्रभाव और 2024 के चुनाव एक प्रमुख जोखिम
हाल ही में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी और इजराइल में संघर्ष के चलते भू-राजनीतिक अनिश्चितता में बढ़ोतरी के साथ विपरीत परिस्थितियां बढ़ी हैं। माना जा रहा है कि अल नीनो प्रभाव और 2024 के चुनाव एक प्रमुख जोखिम हैं। हमारा मानना है कि चुनाव के बाद स्थिर सरकार और आर्थिक नीतियों की निरंतरता बाजार को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती है।

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