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Hindi News पैसा बिज़नेस बिजली की खपत बढ़कर रिकॉर्ड 1,354 अरब यूनिट पर पहुंची, जानें क्यों यह मोदी सरकार के लिए गुड न्यूज

बिजली की खपत बढ़कर रिकॉर्ड 1,354 अरब यूनिट पर पहुंची, जानें क्यों यह मोदी सरकार के लिए गुड न्यूज

विशेषज्ञों ने कहा कि जनवरी में बिजली की खपत के साथ-साथ मांग में भी सुधार हुआ क्योंकि इस महीने विशेषरूप से उत्तर भारत में पारा तेजी से गिरा। शीत लहर के कारण हीटर, ब्लोअर और गीजर जैसे गर्मी प्रदान करने वाले उपकरणों का इस्तेमाल बढ़ गया, जिससे कुल बिजली की मांग बढ़ गई।

Power consumption - India TV Paisa Image Source : FILE बिजली की खपत

देश में बिजली की खपत चालू वित्त वर्ष के पहले 10 माह (अप्रैल-जनवरी) के दौरान सालाना आधार पर 7.5 प्रतिशत बढ़कर 1,354.97 अरब यूनिट (बीयू) हो गई। यह देशभर में आर्थिक गतिविधियों में तेजी का संकेत है। सरकार की ओर जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में बिजली की खपत 1,259.49 अरब यूनिट थी। पूरे वित्त वर्ष 2022-23 में बिजली की खपत 1,505.91 अरब यूनिट रही थी। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि देश में बिजली की खपत में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि स्पष्ट रूप से चालू वित्त वर्ष के पहले 10 माह में आर्थिक गतिविधियों में आई तेजी को दर्शाती है।

बिजली खपत औद्योगिक गतिविधियों में तेजी से बढ़ी

उन्होंने कहा कि अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में बिजली की खपत मुख्य रूप से आर्द्र मौसम और त्योहारी सत्र से पहले औद्योगिक गतिविधियों में तेजी से बढ़ी। विशेषज्ञों का कहना है कि आर्थिक गतिविधियों में सुधार और शीत लहर की स्थिति के कारण फरवरी में भी बिजली की खपत में स्थिर वृद्धि होगी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने जनवरी में जारी अपने पहले अग्रिम अनुमान में 2023-24 में देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रहने की बात कही है। आंकड़ों से पता चलता है कि जनवरी में बिजली की खपत 126.30 अरब यूनिट की तुलना में 5.4 प्रतिशत बढ़कर 133.18 अरब यूनिट हो गई। एक दिन में पूरी की गई अधिकतम बिजली की मांग जनवरी में बढ़कर 222.32 गीगावाट हो गई। जनवरी, 2023 में अधिकतम बिजली आपूर्ति 210.72 गीगावाट और जनवरी, 2022 में 192.18 गीगावॉट थी। 

कड़ाके की ठंड ने भी बिजली की मांग बढ़ाई 

विशेषज्ञों ने कहा कि जनवरी में बिजली की खपत के साथ-साथ मांग में भी सुधार हुआ क्योंकि इस महीने विशेषरूप से उत्तर भारत में पारा तेजी से गिरा। शीत लहर के कारण हीटर, ब्लोअर और गीजर जैसे गर्मी प्रदान करने वाले उपकरणों का इस्तेमाल बढ़ गया, जिससे कुल बिजली की मांग में सुधार हुआ। बिजली मंत्रालय ने अनुमान लगाया था कि 2024 में गर्मियों के दौरान देश में बिजली की मांग 229 गीगावाट तक पहुंच जाएगी। 

बेमौसम बारिश के कारण अप्रैल-जुलाई में मांग अनुमानित स्तर तक नहीं पहुंची। हालांकि, अधिकतम आपूर्ति जून में 224.1 गीगावाट की नई ऊंचाई को छू गई, लेकिन जुलाई में यह गिरकर 209.03 गीगावाट पर आ गई। अगस्त में अधिकतम मांग 238.82 गीगावाट तक पहुंच गई। सितंबर, 2023 में यह 243.27 गीगावाट थी। अक्टूबर में अधिकतम मांग 222.16 गीगावाट, नवंबर में 204.77 गीगावाट और दिसंबर में 213.62 गीगावाट थी। 

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