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सरकार का दावा, LIC के IPO में निवेश करने वाले रिटेल निवेशकों को मिलेगा शानदार मुनाफा

दीपम के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने कहा देश की मूल्यवान कंपनी LIC का आईपीओ (आरंभिक सार्वजनिक निर्गम) सभी भारतीयों को संपत्ति बढ़ाने का एक मौका दे रहा है।

<p>LIC IPO</p>- India TV Paisa Image Source : FILE LIC IPO

Highlights

  • LIC का इनिशियल पब्लिक आफरिंग यानी आईपीओ (IPO) 4 मई को खुलने जा रहा है
  • आईपीओ का प्राइस बैंड घटा कर 902-949 रुपये प्रति स्टॉक रखा गया है
  • एलआईसी के आईपीओ प्रत्येक लॉट के लिए बिड लॉट का साइज 15 होगा

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने दावा किया है कि जीवन बीमा कंपनी (एलआईसी) में निवेश करने वाले छोटे निवेशकों को शानदार मुनाफा होगा। निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने कहा कि यह आरंभिक सार्वजनिक पेशकश खुदरा निवेशकों के लिए मुनाफा देने वाला होगा। उन्होंने कहा कि देश की सबसे बड़ी वित्तीय क्षेत्र की इकाई और बाजार के सबसे बड़े निवेशक के कम मूल्यांकन (लगभग छह लाख करोड़ रुपये) रखने की कोशिश की गई है। उन्होंने कहा कि 10 निवेश बैंकरों और मूल्यांककों ने इसका मूल्य निकालने को लेकर पूरा प्रयास किया है। 

शेयर बिक्री का आकार बिल्कुल सही  

पांडेय ने कहा, बाजार के मौजूदा हालात को देखते हुए एलआईसी की शेयर बिक्री का आकार बिल्कुल उपयुक्त है। इससे मौजूदा बाधाओं को देखते हुए पूंजी प्रवाह पर असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि देश की मूल्यवान कंपनी का आईपीओ (आरंभिक सार्वजनिक निर्गम) सभी भारतीयों को संपत्ति बढ़ाने का एक मौका दे रहा है। सरकार चाहती है कि एलआईसी इक्विटी बाजार में लंबे समय तक मुनाफे वाली बनी। दीपम सचिव ने कहा, कंपनी के निर्गम को इस समय सूचीबद्ध कराने का निर्णय कई कारणों से लिया गया। इसमें बाजार में मांग, बाजार का स्थिर होना, उतार-चढ़ाव में कमी, घरेलू पूंजी प्रवाह और कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन शामिल है। 

निर्गम से 20 हजार रुपये जुटाने की तैयारी 

सरकार एलआईसी में 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर 20,557 करोड़ रुपये जुटाएगी। सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी एलआईसी के शेयर बिक्री आकार को कम कर 20,557 करोड़ रुपये किया गया है और यह बिल्कुल उपयुक्त है। इसका आकार बाजार में मौजूदा धारणा को ध्यान में रखकर निर्धारित किया गया है ताकि पूंजी प्रवाह पर कोई असर नहीं हो। सरकार ने यह भी कहा कि  इससे पहले, फरवरी में सरकार ने लगभग 10 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित मूल्यांकन पर पांच प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने और लगभग 60,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई थी। 

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