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Hindi News पैसा बिज़नेस GST कलेक्शन का फरवरी 2024 में दिखा जलवा, सालाना आधार पर 12.5% तेज, वित्त मंत्रालय ने जारी किए आंकड़े

GST कलेक्शन का फरवरी 2024 में दिखा जलवा, सालाना आधार पर 12.5% तेज, वित्त मंत्रालय ने जारी किए आंकड़े

चालू वित्त वर्ष के लिए औसत मासिक सकल संग्रह 1.67 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष के 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।

शानदार घरेलू ट्रांजैक्शन से जीएसटी कलेक्शन को नई ऊंचाई मिली है।- India TV Paisa Image Source : FILE शानदार घरेलू ट्रांजैक्शन से जीएसटी कलेक्शन को नई ऊंचाई मिली है।

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कलेक्शन नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। जीएसटी कलेक्शन फरवरी 2024 में सालाना आधार पर 12.5 प्रतिशत बढ़कर 1.68 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी। मंत्रालय ने यह भी कहा कि शानदार घरेलू ट्रांजैक्शन से जीएसटी कलेक्शन को नई ऊंचाई मिली है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष (अप्रैल 2023-फरवरी 2024) के लिए कुल सकल जीएसटी कलेक्शन 18.40 लाख करोड़ रुपये है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के संग्रह से 11.7 प्रतिशत अधिक है।

फरवरी 2024 का कलेक्शन

केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी): ₹31,785 करोड़
राज्य वस्तु एवं सेवा कर (एसजीएसटी): ₹39,615 करोड़
एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (आईजीएसटी): ₹84,098 करोड़, जिसमें आयातित वस्तुओं पर एकत्र ₹38,593 करोड़ शामिल हैं।
उपकर: ₹12,839 करोड़, जिसमें आयातित वस्तुओं पर एकत्र ₹984 करोड़ शामिल हैं।

जीएसटी से कुल रेवेन्यू

चालू वित्त वर्ष के लिए औसत मासिक सकल संग्रह 1.67 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष के 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि फरवरी 2024 में सकल माल और सेवा कर (जीएसटी) राजस्व 1,68,337 करोड़ रुपये दर्ज किया गया, जो 2023 के इसी महीने की तुलना में 12.5 प्रतिशत की मजबूत ग्रोथ है। जीएसटी कलेक्शन में इस मजबूत वृद्धि के पीछे घरेलू लेनदेन से शुल्क में 13.9 प्रतिशत की वृद्धि और वस्तुओं के आयात से जीएसटी में 8.5 प्रतिशत की वृद्धि की अहम भूमिका रही।

केंद्र सरकार ने एकत्रित आईजीएसटी से 41,856 करोड़ रुपये सीजीएसटी और 35,953 करोड़ रुपये एसजीएसटी का निपटान किया। नियमित निपटान के बाद इसका कुल राजस्व CGST के लिए 73,641 करोड़ रुपये और SGST के लिए 75,569 करोड़ रुपये है। जीएसटी या वस्तु एवं सेवा कर, वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाने वाला एक अप्रत्यक्ष कर है। यह हर मूल्यवर्धन पर लगाया जाता है, जो वैट, उत्पाद शुल्क, सेवा कर आदि सहित कई अप्रत्यक्ष करों की जगह लेता है।

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