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Hindi News पैसा बिज़नेस भारतीयों में बढ़ते मोटापे के कारण ये सारे खाने-पीने वाले उत्पाद हो सकते हैं महंगे, नीति आयोग की तैयारी

भारतीयों में बढ़ते मोटापे के कारण ये सारे खाने-पीने वाले उत्पाद हो सकते हैं महंगे, नीति आयोग की तैयारी

नीति आयोग की 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की आबादी के बीच मोटापे की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए इस तरह के कदम पर विचार चल रहा है।

<p>obesity </p>- India TV Paisa Image Source : FILE obesity 

Highlights

  • भारत में बच्चों, किशोरों और महिलाओं में अधिक वजन और मोटापे की समस्या लगातार बढ़ रही है
  • राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के अनुसार, मोटापे से ग्रस्त महिलाओं की संख्या बढ़कर 24 प्रतिशत हो गई है
  • पुरुषों के मामले में यह आंकड़ा 18.4 प्रतिशत बढ़कर 22.9 प्रतिशत हो गया है

नई दिल्ली। भारतीयों में मोटापे को लेकर बढ़ती चिंता के बीच नीति आयोग अधिक चीनी, वसा और नमक वाले खाद्य पदार्थों पर कराधान और ‘फ्रंट-ऑफ-द-पैक लेबलिंग’ जैसी कदम उठाने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। ‘फ्रैंट-ऑफ-द-पैक लेबलिंग’ से उपभोक्ताओं को अधिक चीनी, नमक और वसा वाले उत्पादों को पहचानने में मदद मिलती है। सरकारी शोध संस्थान नीति आयोग की 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की आबादी के बीच मोटापे की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए इस तरह के कदम पर विचार चल रहा है। 

हर उम्र के लोगों में तेजी से बढ़ रहा मोटाा

आयोग ने रिपोर्ट में कहा है कि भारत में बच्चों, किशोरों और महिलाओं में अधिक वजन और मोटापे की समस्या लगातार बढ़ रही है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘24 जून, 2021 को नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) की अध्यक्षता में माताओं, किशोरों और बच्चों को मोटापे से बचाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक विचार-विमर्श का आयोजन किया गया था। इसमें कहा गया है कि नीति आयोग आर्थिक विकास संस्थान (आईईजी) और भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य संगठन (पीएचएफआई) के सहयोग से इस दिशा में काम कर रहा है। इसके जरिये उपलब्ध साक्ष्यों के आधार उठाए जाने वाले कदमों की पहचान की जा रही है। इन उपायों के तहत फ्रंट-ऑफ-पैक लेबलिंग, एचएफएसएस (चीनी, नमक और वसा की ऊंची मात्रा वाले उत्पाद) उत्पादों का विपणन और विज्ञापन तथा अधिक चीनी, वसा और नमक वाले उत्पादों पर कर लगाना शामिल है।

महिलाओं में मोटापे की समस्या अधिक 

गैर-ब्रांडेड नमकीन, भुजिया, वेजिटेबल्स चिप्स और स्नैक्स पर पांच प्रतिशत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगता है जबकि ब्रांडेड और पैकेटबंद उत्पादों के लिए जीएसटी दर 12 प्रतिशत है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे (एनएफएचएस-5) 2019-20 के अनुसार, मोटापे से ग्रस्त महिलाओं की संख्या बढ़कर 24 प्रतिशत हो गई है, जो 2015-16 में 20.6 प्रतिशत थी। जबकि पुरुषों के मामले में यह आंकड़ा 18.4 प्रतिशत बढ़कर 22.9 प्रतिशत हो गया है। 

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