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Hindi News पैसा बिज़नेस देश की इकॉनमी को लेकर गुड न्यूज, चालू खाते के घाटे में आई गिरावट, देखिए आंकड़े

देश की इकॉनमी को लेकर गुड न्यूज, चालू खाते के घाटे में आई गिरावट, देखिए आंकड़े

भारत के चालू खाते के घाटे में कमी आई है। यह मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कम होकर GDP का एक फीसदी यानी 8.3 अरब डॉलर रहा। वस्तुओं के व्यापार का घाटा कम होने तथा सेवा निर्यात बढ़ने से चालू खाते का घाटा कम हुआ है।

भारतीय अर्थव्यवस्था- India TV Paisa Image Source : FREEPIK भारतीय अर्थव्यवस्था

देश की इकॉनमी से जुड़ी एक अच्छी खबर सामने आई है। देश के चालू खाते के घाटे (CAD) में कमी आई है। यह मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कम होकर GDP का एक फीसदी यानी 8.3 अरब डॉलर रहा। मुख्य रूप से वस्तुओं के व्यापार का घाटा कम होने तथा सेवा निर्यात बढ़ने से चालू खाते का घाटा कम हुआ है। भारतीय रिजर्व बैंक के मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार चालू खाते का घाटा बीते वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही में 3.8 प्रतिशत यानी 30.9 अरब डॉलर रहा था। CAD विदेश भेजे गये धन और देश में विदेशों से प्राप्त राशि के बीच अंतर को बताता है। यह चालू वित्त वर्ष की पहली अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी का 1.1 प्रतिशत यानी 9.2 अरब डॉलर रहा था।

दूसरी तिमाही में घटा चालू खाते का घाटा

चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान भुगतान संतुलन की स्थिति पर जारी आंकड़ों के अनुसार, ‘कैड चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में कम हुआ है। इसका कारण वस्तु व्यापार घाटे (वस्तु निर्यात-आयात का अंतर) का कम होना है। यह 2023-24 की दूसरी तिमाही में 61 अरब डॉलर रहा जो 2022-23 की दूसरी तिमाही में 78. 3 अरब डॉलर था।’ रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, सॉफ्टवेयर निर्यात, व्यापार और यात्री सेवाएं बढ़ने से सेवा निर्यात सालाना आधार पर 4.2 प्रतिशत बढ़ा। शुद्ध सेवा प्राप्तियां तिमाही के साथ सालाना आधार पर भी बढ़ी हैं। वस्तु व्यापार घाटा कम होने से चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में कैड नरम होकर एक प्रतिशत रहा जो एक साल पहले इसी अवधि में 2.9 प्रतिशत था।

विदेशों से आई ज्यादा रकम

आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान प्राथमिक आय खाता मद में शुद्ध रूप से निकासी बढ़कर 12.2 अरब डॉलर रही, जो एक साल पहले इसी अवधि में 11.8 अरब डॉलर थी। यह प्राथमिक रूप से निवेश आय के भुगतान को बताता है। आंकड़ों के अनुसार, निजी अंतरण प्राप्ति दूसरी तिमाही में 28.1 अरब डॉलर रही। यह एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 2.6 प्रतिशत अधिक है। निजी अंतरण प्राप्ति विदेशों में काम कर रहे भारतीयों के अपने देश भेजी गयी राशि है।

FPI में आई कमी

वित्तीय लेखा के स्तर पर शुद्ध रूप से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के तहत भारत में मौजूद कंपनियों ने 30 करोड़ डॉलर का निवेश किया। जबकि एक साल पहले 2022-23 की दूसरी तिमाही में इस मद में 6.2 अरब डॉलर का प्रवाह हुआ था। विदेशी पोर्टफोलियो निवेश में दूसरी तिमाही में शुद्ध रूप से 4.9 अरब डॉलर का प्रवाह हुआ। यह एक साल पहले 2022-23 की दूसरी तिमाही में 6.5 अरब डॉलर के शुद्ध प्रवाह के मुकाबले कम है।

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