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Hindi News पैसा बिज़नेस वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर भारत, इस ग्लोबल रिसर्च कंपनी ने कही ये बड़ी बात

वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर भारत, इस ग्लोबल रिसर्च कंपनी ने कही ये बड़ी बात

रिपोर्ट में कहा गया, हर कोई भारत के साथ एफटीए करना चाहता है। इसकी मुख्य वजह भारत का उच्च आयात शुल्क है, जिससे इन देशों के लिए भारत के बड़े और तेजी से बढ़ते बाजार तक पहुंच मुश्किल हो जाती है।

India - India TV Paisa Image Source : FILE भारत

भारत वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा है। दुनियाभर के तमाम देश और रिसर्च एजेंसी अब इस बात को मानने लगे हैं। जल्द ही भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इस बीच आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने भारत को लेकर बड़ी बात कही है। GTRI ने कहा कि ब्रिटेन, ओमान और चार यूरोपीय देशों के संघ ईएफटीए के साथ भारत के प्रस्तावित व्यापार समझौतों का सफलतापूर्वक संपन्न होना ऐसे समय में व्यापार उदारीकरण तथा आर्थिक एकीकरण के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को प्रतिबिंबित करेगा जब पूरी दुनिया संरक्षणवाद को अपना रही है। मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) भारत के आर्थिक विस्तार और विश्व बाजार में एकीकरण के लिए महत्वपूर्ण साधन बन गए हैं। 

हर कोई भारत के साथ एफटीए करने को तैयार

जीटीआरआई ने कहा कि ये देश और गुट आगामी आम चुनाव से पहले इन समझौतों को अंतिम रूप देने के लिए उत्सुक हैं। बातचीत निष्कर्ष के कगार पर है। इन तीन समझौतों पर हस्ताक्षर होने से भारत की एफटीए संख्या 13 से बढ़कर 16 हो जाएगी। व्यापक एफटीए वाले देशों की संख्या 22 से बढ़कर 28 हो जाएगी। इसके अलावा भारत के पास छह छोटे दायरे वाले पीटीए (तरजीही व्यापार समझौते) हैं। आखिरी समझौता मार्च 2022 में ऑस्ट्रेलिया के साथ हुआ था। रिपोर्ट में कहा गया,  हर कोई भारत के साथ एफटीए करना चाहता है। इसकी मुख्य वजह भारत का उच्च आयात शुल्क है, जिससे इन देशों के लिए भारत के बड़े और तेजी से बढ़ते बाजार तक पहुंच मुश्किल हो जाती है। इसमें कहा गया कि ब्रिटेन, ओमान और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के साथ ये तीन समझौते तरजीही व्यापार साझेदारी के मामले में भारत के रुख में पूर्व से पश्चिम की ओर बदलाव को दर्शाते हैं। 

भारत अपने दृष्टिकोण को तेजी से बदल रहा 

भारत के सबसे महत्वपूर्ण एफटीए भारत के पूर्व में स्थित देशों आसियान, जापान, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया के साथ हैं। जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि भारत अनिच्छा से केवल माल व सेवा व्यापार जैसे पारंपरिक बाजार पहुंच विषयों पर ध्यान केंद्रित करने के अपने पुराने दृष्टिकोण को बदल रहा है। उन्होंने साथ ही कहा कि ईएफटीए के साथ व्यापार समझौते के लिए बातचीत जनवरी 2008 में शुरू हुई थी। 20 दौर की बातचीत के बाद बातचीत निष्कर्ष की ओर पहुंच रही है। ईएफटीए के सदस्य आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड हैं। 

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