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Bloomberg के इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में शामिल होगा भारतीय बॉन्ड, जानिए क्या होगा इससे फायदा

ब्लूमबर्ग एलपी के संस्थापक माइकल आर ब्लूमबर्ग ने कहा कि यह भारत के वित्तीय बाजारों के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है और वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत के बढ़ते महत्व को दर्शाता है।

Bloomberg - India TV Paisa Image Source : FILE ब्लूमबर्ग

भारत सरकार के नाम एक और बड़ी उप​लब्धि शामिल हो गई है। ब्लूमबर्ग ने मंगलवार को भारतीय सरकारी प्रतिभूतियों को अपने उभरते बाजार स्थानीय मुद्रा सरकारी सूचकांक और संबंधित सूचकांकों में अगले साल 31 जनवरी से शामिल किये जाने की घोषणा की। इससे पहले JPMorgan ने भारत को अपने उभरते बाजारों के बांड इंडेक्स में शामिल करने का ऐलान किया था। अब Bloomberg के शामिल करने से एक और उपलब्धि जुड़ गई है। इससे देश के बॉन्ड बाजार में विदेशी निवेश बढ़ेगा और सरकार के लिए कर्ज की लागत में कमी आएगी।

बॉन्ड को 31 जनवरी, 2025 को शामिल किया जाएगा

पिछले साल सितंबर में जेपी मॉर्गन के उभरते बाजार बॉन्ड सूचकांक में भारतीय बॉन्ड को शामिल किये जाने की घोषणा के बाद से ब्लूमबर्ग ईएम इंडेक्स में भारतीय बॉन्ड को शामिल करने की चर्चा चल रही थी। ब्लूमबर्ग ने बयान में कहा कि भारतीय एफएआर (पूर्ण पहुंच वाला मार्ग) बॉन्ड को 31 जनवरी, 2025 को उनके बाजार मूल्य के 10 प्रतिशत के शुरुआती वेटेज के साथ ब्लूमबर्ग उभरते बाजार (ईएम) स्थानीय मुद्रा सरकारी सूचकांक में शामिल किया जाएगा। पूर्ण पहुंच वाला मार्ग के तहत पात्र प्रवासी निवेशकों को सरकारी बॉन्ड में बिना किसी सीमा के निवेश की अनुमति होती है। इसमें कहा गया है कि हर महीने एफएआर बॉड के भारांश को 10-10 प्रतिशत बढ़ाया जाएगा। इस लिहाज से अक्टूबर, 2025 यानी 10 माह में बॉन्ड का वेटेज पूर्ण बाजार मूल्य के अनुरूप होगा। शामिल किये जाने की गुंजाइश वाले सूचकांकों में ब्लूमबर्ग ईएम स्थानीय मुद्रा सरकारी सूचकांक, ब्लूमबर्ग ईएम स्थानीय मुद्रा सरकारी सूचकांक 10 पर्सेन्ट कंट्री कैप्ड इंडेक्स और सभी संबंधित उप-सूचकांक शामिल हैं। 

चीन और दक्षिण कोरिया के बाद तीसरा बड़ा देश 

एक बार ‘ब्लूमबर्ग इमर्जिंग मार्केट 10 पर्सेन्ट कंट्री कैप्ड इंडेक्स’ में पूरी तरह से शामिल हो जाने के बाद भारत के चीन और दक्षिण कोरिया दोनों के साथ 10 प्रतिशत कैप तक पहुंचने वाले बाजारों में शामिल होने की उम्मीद है। इसमें कहा गया है कि सूचकांक के बाजार पूंजीकरण वेटेज के भीतर, चीन और दक्षिण कोरिया के बाद भारत के तीसरा सबसे बड़ा देश होने की उम्मीद है। बयान के अनुसार, 31 जनवरी, 2024 तक के आंकड़ों का उपयोग करते हुए, सूचकांक में 34 भारतीय प्रतिभूतियां शामिल होंगी। ये बाजार मूल्य-भारांश आधार पर 6,180 अरब डॉलर के सूचकांक का 7.26 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करेंगी। 

वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत का बढ़ता महत्व

ब्लूमबर्ग एलपी के संस्थापक माइकल आर ब्लूमबर्ग ने कहा कि यह भारत के वित्तीय बाजारों के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है और वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत के बढ़ते महत्व को दर्शाता है।’’ उन्होंने कहा कि वैश्विक वित्तीय केंद्र के रूप में भारत का लगातार उभरना इस दशक की सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधियों में से एक है और ब्लूमबर्ग अधिक निवेशकों को भारत से जोड़कर इसे मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। ब्लूमबर्ग इंडेक्स सर्विसेज लि.बीआईएसएल) के वैश्विक प्रमुख (फिक्स्ड इनकम इंडेक्स प्रोडक्ट) निक जेंडरॉन ने कहा, इस कदम से वैश्विक निवेशकों की भारतीय बाजारों तक पहुंच और भागीदारी बढ़ेगी। 

ब्लूमबर्ग ईएम स्थानीय मुद्रा सरकारी सूचकांक में भारत एफएआर बॉन्ड को शामिल करने का निर्णय बाजार प्रतिभागियों और विभिन्न संबंधित पक्षों के साथ व्यापक विचार-विमर्श बाद लिया गया है। अनुमान के मुताबिक, इससे अगले दो साल में सरकारी प्रतिभूति बाजार में लगभग 40 अरब डॉलर का विदेशी कोष आकर्षित होगा। 

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