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Hindi News पैसा बिज़नेस RBI की इस देरी ने किया आपका भला नहीं तो चुकानी पड़ती भारी कीमत: दास

RBI की इस देरी ने किया आपका भला नहीं तो चुकानी पड़ती भारी कीमत: दास

भारतीय रिजर्व बैंक इस समय चौतरफा मुश्किलों से घिरा है। एक ओर रुपया गिर रहा है वहीं महंगाई बढ़ रही है। आरबीआई हर मोर्चे पर फेल होता दिख रहा है। लेकिन शक्तिकांत दास ने इसका बचाव किया है।

Shaktikant das- India TV Paisa Image Source : PTI Shaktikant das

'दुर्घटना से देर भली', भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास आज जब एक कार्यक्रम में बोलने आए तब उनकी बातों का फलसफा यही था। बैंकरों के वार्षिक एफआईबीएसी सम्मेलन में बोलते हुए शक्तिकांत दास ने महंगाई के मामले में फेल हुए रिजर्व बैंक के प्रयासों का बचाव किया और कहा यदि रिजर्व बैंक मई से पहले ही ब्याज दरें बढ़ा देता तो इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ती। 

महंगाई के मामले में क्यों फेल हुआ आरबीआई 

रिजर्व बैंक गवर्नर ने मुद्रास्फीति की स्थिति से निपटने के रिजर्व बैंक के तरीके का बचाव किया है। बीते दिनों में कई अर्थशास्त्रियों ने रिजर्व बैंक के देरी से उठाए गए कदमों की आलोचना की थी। लेकिन दास ने कहा कि समय से पहले सख्त कदम उठाने से अर्थव्यवस्था और नागरिकों को भारी कीमत चुकानी पड़ती। यह स्वीकार करते हुए कि मुद्रास्फीति का लक्ष्य चूक गया है, दास ने कहा कि आरबीआई ने महंगाई दर में वृद्धि के कारण ब्याज दरों में आक्रामक रूप से वृद्धि नहीं करके अर्थव्यवस्था का समर्थन करने का फैसला किया। 

ब्याज दरों में क्यों नहीं की आक्रामक वृद्धि 

हमने ब्याज दरों को आक्रामक रूप नहीं बढ़ाकर अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से प्रभावित होने से रोका और समय से पहले सख्त कदम उठाने से दूर रहे।’’ दास ने कहा कि जल्दी सख्त या आक्रामक रुख अपनाने से अर्थव्यवस्था और लोगों को भारी कीमत चुकानी पड़ती। 

कल सरकार को जवाब देगा रिजर्व बैंक 

रिजर्व बैंक महंगाई रोकने में क्यों नाकाम रहा है, अब रिजर्व बैंक सरकार को इस बारे में विस्तृत जवाब देगा। सरकार को जवाब तैयार करने के लिए ब्याज दर तय करने वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) बृहस्पतिवार को बैठक कर रही है। आरबीआई गवर्नर ने साथ ही सरकार को लिखे जाने वाले पत्र को सार्वजनिक न करने के आरबीआई के कदम का भी बचाव किया। 

रुपये की गिरावट पर क्या बोले दास 

रुपये के मूल्यह्रास पर चल रही बहस के बीच दास ने सभी से स्थिति को भावनात्मक रूप से नहीं देखने को कहा और जोर दिया कि घरेलू मुद्रा ने व्यवस्थित तरीके से प्रदर्शन किया है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) की शुरुआत देश की मुद्रा के इतिहास में ऐतिहासिक क्षण है और यह व्यापार करने के तरीके को बदल देगा। 

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