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Hindi News पैसा बिज़नेस Festival Mood: दुर्गापूजा या दिवाली जैसे त्योहारों का मजा नहीं पड़ेगा फीका, सरकार ने की ये बड़ी तैयारी

Festival Mood: दुर्गापूजा या दिवाली जैसे त्योहारों का मजा नहीं पड़ेगा फीका, सरकार ने की ये बड़ी तैयारी

कोयले की कमी के कारण इस बार त्योहारों के दौरान बिजली संकट पैदा नहीं होगा। हम चालू वित्त वर्ष में अबतक 1.5 करोड़ टन का पहले ही उपयोग किया जा चुका है।

Diwali- India TV Paisa Image Source : PTI Diwali

Festival Mood: देश का सबसे बड़े त्योहार दुर्गापूजा, दशहरा और दिवाली अब बस कुछ दिन दूर हैं। इन त्योहारों पर सड़कों से लेकर घरों को जगमगाया जाता है। जिसके चलते बिजली की डिमांड काफी बढ़ जाती है। लेकिन ज्यादा बिजली मांग के बावजूद आपके त्योहार का रंग फीका न पड़े, इसके लिए सरकार ने पहले ही तैयारी कर ली है। 

जानिए क्या है सरकार की तैयारी 

सरकार ने कहा है कि देश के बिजलीघरों में कोयला संकट के कारण त्योहारों के दौरान बिजली संकट पैदा नहीं होगा। इसका कारण यह है कि अबतक दो करोड़ टन कोयला पहले ही आयात किया जा चुका है। बिजली सचिव आलोक कुमार ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। पिछले साल इसी समय तापीय बिजलीघरों में कोयले की कमी के कारण बिजली संकट का सामना करना पड़ा था। इसके बाद केंद्र ने आपूर्ति बढ़ाने और संकट से निपटने को लेकर कई कदम उठाये थे। 

1.5 करोड़ टन आयातित कोयले को हुआ इस्तेमाल 

कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कोयले की कमी के कारण इस बार त्योहारों के दौरान बिजली संकट पैदा नहीं होगा। हम चालू वित्त वर्ष में अबतक 1.5 करोड़ टन का पहले ही उपयोग किया जा चुका है।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या और कोयला आयात किया जाएगा, उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर इसका आयात किया जाएगा।  

फेम स्कीम का नया रूप देगी सरकार 

सरकार के इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने और चार्जिंग बुनियादी ढांचे के बारे में कुमार ने कहा कि सरकार जल्दी ही इलेक्ट्रिक वाहनों के तेजी से विनिर्माण और उसे अपनाने की योजना (फेम) को नया रूप देगी। इसमें ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचा स्थापित करने वाली कंपनियों को ट्रांसफॉर्मर जैसी बुनियादी सुविधाएं स्थापित करने वालों के लिये भुगतान करने को लेकर सब्सिडी देने का प्रावधान होगा। 

ईवी चार्जिंग स्टेशनों को मिलेगी सब्सिडी

सचिव ने इस बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि वितरण कंपनियां ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) बुनियादी ढांचा स्थापित करने के लिये ट्रांसफॉर्मर जैसा बुनियादी ढांचा लगाती हैं। इसका उद्देश्य ईवी चार्जिंग स्टेशन को बिजली आपूर्ति करना है जिसकी लागत 5-6 लाख रुपये बैठती है। उन्होंने कहा, ‘‘हम ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचा लगाने वाली कंपनियों को सब्सिडी देंगे ताकि वे ट्रांसफॉर्मर जैसी ढांचागत सुविधाएं लगाने वाली वितरण कंपनियों को भुगतान कर सकें।’’ फिलहाल ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाने वाली कंपनियों को ट्रांसफॉर्मर आदि के लिये भुगतान करना पड़ता है।

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