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Hindi News पैसा बिज़नेस भारतीय कंपनियों के आगे पाकिस्तान कहीं नहीं टिकता, Pak के विदेशी मुद्रा भंडार से ज्यादा है हमारे स्टार्टअप की फंडिंग

भारतीय कंपनियों के आगे पाकिस्तान कहीं नहीं टिकता, Pak के विदेशी मुद्रा भंडार से ज्यादा है हमारे स्टार्टअप की फंडिंग

भले ही Pakistan भारत को आंखें दिखाता हो लेकिर उसकी हैसियत भारत के मुकाबले कहीं भी नहीं टिकती। आइए जानते हैं कि पाकिस्तान (Pakistan Economy) हमारे सामने कहां खड़ा है

Indian Comapnies vs Pakistan- India TV Paisa Image Source : FILE Indian Comapnies vs Pakistan

पाकिस्तान भले ही अपनी आजादी के 75वें साल के जश्न में मशगूल हो, लेकिन वहां की आवाम के लिए ऐसा कोई भी कारण नहीं है कि वह इस जश्न की खुशी बना सके। दिनों दिन बदतर होते हालात ने वहां की बदहाली के निशान और भी गहरे कर दिए हैं। पाकिस्तान में महंगाई 13 साल के सबसे उच्चतम शिखर पर है, वहीं विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खाली हो चुका है। भले ही पाकिस्तान भारत को आंखें दिखाता हो लेकिर उसकी हैसियत भारत के मुकाबले कहीं भी नहीं टिकती। आइए जानते हैं कि पाकिस्तान हमारे सामने कहां खड़ा है-

बच्चों की गुल्लक जैसा विदेशी मुद्रा भंडार

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पाकिस्तान का सरकारी खजाना यानि विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खाली पड़ा है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान की ताजा रिपोर्ट के अनुसार अगस्त के दूसरे सप्ताह में पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 7.83 अरब डॉलर पर आ गया है। यह वर्ष 2019 के बाद पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा का न्यूनतम स्तर है। एक साप्ताह में यह 55.5 करोड़ डॉलर यानी 6.6 फीसदी कम हो गया है। पांच अगस्त को पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 8.385 अरब डॉलर था। इस मुद्रा भंडार से तुलना करें तो करीब 8 अरब डॉलर तो सिर्फ भारतीय स्टार्टअप ने निवेशकों से जुटाएं हैं। और आसानी से समझें तो यह भारतीयों के मोबाइल फोन पर किए खर्च से भी कम है। 2014 तक हम 8 अरब डॉलर मूल्य का मोबाइल फोन आयात करते थे। या कहें तो स्टारबक्स दुनिया भर में इससे ज्यादा की कॉफी बेच डालती है। 

पाकिस्तान की सभी कंपनियों पर भारी भारत की रिलायंस

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अब पाकिस्तान के शेयर बाजार की बात करें लें। यहां पर जनवरी 2022 तक कुल 375 कंपनियां लिस्टेड थीं, जिनका कुल मार्केट कैप 7.7 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपया यानि सिर्फ 52 अरब डॉलर है। जबकि भारत भारत की बात करें तो टाटा ग्रुप की कंपनी टीसीएस पाकिस्तान के तीन गुना के बराबर है। इसकी मार्केट कैप 152 अरब डॉलर को पार कर चुकी है। रिलायंस इंडस्ट्री की मार्केट वेल्यू 223 अरब डॉलर के पार पहुंच चुकी है। 

सालाना बिक्री से ज्यादा भारत की मासिक कार सेल

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अब पाकिस्तान के ऑटोमोबाइल सेक्टर का रुख कर लेते हैं। पाकिस्तान ने 2021-22 में करीब हर साल करीब 2,79,267 कारों की बिक्री की थी। भारत से मुकाबला करें तो यह कहीं नहीं टिकती। सिर्फ जुलाई 2022 के आंकड़ों की बात करें तो भारत में ऑटोमोबाइल कंपनियों ने 2,93,865 कारों की बिक्री की थी। भारत में सिर्फ मारुति ही करीब 1.5 लाख कारें हर महीने बेच देती है। 

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