A
Hindi News पैसा बिज़नेस अडाणी समूह की बढ़ी मुश्किलें, सुप्रीमकोर्ट पहुंचा SEBI द्वारा जांच की अवधि बढ़ाने की अपील का मामला

अडाणी समूह की बढ़ी मुश्किलें, सुप्रीमकोर्ट पहुंचा SEBI द्वारा जांच की अवधि बढ़ाने की अपील का मामला

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कुछ दिन पहले ही उच्चतम न्यायालय से यह अनुरोध किया है कि उसे अडाणी समूह के शेयरों को लेकर जारी जांच पूरी करने के लिए छह महीने का वक्त दिया जाए।

Adani Group- India TV Paisa Image Source : FILE Adani Group

 अडाणी समूह की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ती दिख रही हैं। अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों के भाव बढ़ाने में हेराफेरी के आरोपों की जांच पूरी करने के लिए बाजार नियामक सेबी की तरफ से छह महीने की मोहलत मांगे जाने के खिलाफ एक याची ने उच्चतम न्यायालय में गुहार लगाई है। 

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कुछ दिन पहले ही उच्चतम न्यायालय से यह अनुरोध किया है कि उसे अडाणी समूह के शेयरों को लेकर जारी जांच पूरी करने के लिए छह महीने का वक्त दिया जाए। इस जांच में लेनदेन की गड़बड़ियों और नियमों के उल्लंघन के साथ वित्तीय विवरणों को गलत ढंग से पेश किए जाने के आरोप शामिल हैं। 

शीर्ष अदालत ने गत दो मार्च को सेबी से दो महीने में यह जांच पूरी करने को कहा था। इसके अलावा भारतीय निवेशकों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए एक समिति का भी गठन किया गया था। अमेरिकी निवेश शोध फर्म हिंडनबर्ग ने जनवरी में प्रकाशित एक रिपोर्ट में अडाणी समूह पर वित्तीय धांधली और शेयरों के भाव में हेराफेरी जैसे कई गंभीर आरोप लगाए थे। 

इन आरोपों की विधिवत जांच के लिए उच्चतम न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई थी। उस जनहित याचिका को दाखिल करने वाले वकील विशाल तिवारी ने मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के साथ अर्जी लगाई जिसमें सेबी को छह महीने का वक्त दिए जाने का विरोध किया गया है। इसमें कहा गया है कि सेबी को यह मोहलत देने से जांच लंबी खिंच जाएगी और इससे अतिरिक्त देरी होगी। 

तिवारी ने अपनी अर्जी में कहा, ‘‘वक्त दिए जाने पर जांच के दायरे में शामिल कंपनियों को महत्वपूर्ण आंकड़ों एवं तथ्यों के साथ छेड़छाड़ का मौका मिल सकता है और इससे साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की भी स्थिति पैदा हो सकती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सेबी न्यायालय का निर्देश मिलने के पहले से ही अडाणी समूह की कंपनियों की गतिविधियों की जांच कर रहा था। ऐसे में समय बढ़ाने की मांग स्वीकार्य नहीं है। उसके पास जांच के लिए जरूरी समय, आंकड़े और संबंधित दस्तावेज पहले से ही मौजूद हैं।’’ 

इसके साथ ही याची ने सेबी पर जांच की अगुवाई करने वाले अधिकारी का ब्योरा नहीं देने का भी उल्लेख किया। उन्होंने सेबी पर इस जांच को अंतहीन बनाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि ऐसा होने पर सिर्फ गलत काम करने वाली कंपनियों एवं उनके प्रवर्तकों को ही लाभ मिलेगा। 

Latest Business News