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Hindi News पैसा बिज़नेस RBI के नियमों का शिकार हुआ यह बड़ा बैंक, नियमों के उल्लंघन करने पर लगा 2 करोड़ का जुर्माना

RBI के नियमों का शिकार हुआ यह बड़ा बैंक, नियमों के उल्लंघन करने पर लगा 2 करोड़ का जुर्माना

Overseas Bank Fine: बैंकों ने भारतीय रिजर्व बैंक से कर्ज के एवज में प्रावधान के लिये नई व्यवस्था अपेक्षित कर्ज नुकसान लागू करने को लेकर एक साल का और समय देने का आग्रह किया है।

RBI Fined 2.2 Crore- India TV Paisa Image Source : FILE RBI Fined 2.2 Crore

RBI Fined 2.2 Crore: RBI ने एक बार फिर से नियमों के उल्लंघन करने पर कार्रवाई किया है। कभी इसके शिकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक तो किसी दिन प्राइवेट बैंक हो जाते हैं। इस बार भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को आय निर्धारण से जुड़े नियमों का अनुपालन नहीं करने और नियामकीय अनुपालन में अन्य कमियों के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) पर 2.20 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना आरबीआई के कुछ निर्देशों के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए लगाया गया है। इनमें ‘आय निर्धारण पर विवेकपूर्ण मानदंड, संपत्ति वर्गीकरण और अग्रिमों से संबंधित प्रावधान आदि शामिल हैं। 

इस वजह से लगा जुर्माना

आरबीआई ने कहा कि यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता का इससे कोई सरोकार नहीं है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि आरबीआई द्वारा 31 मार्च, 2021 को बैंक के पर्यवेक्षी मूल्यांकन के लिए वैधानिक निरीक्षण (आईएसई 2021) उसकी वित्तीय स्थिति के संदर्भ में किया गया था। चेन्नई स्थित बैंक अपने आरक्षित कोष में वर्ष 2020-21 के लिए घोषित लाभ के 25 प्रतिशत के बराबर राशि का न्यूनतम अनिवार्य हस्तांतरण करने में विफल रहा।

भारतीय बैंकों ने RBI से लगाई गुहार

बैंकों ने भारतीय रिजर्व बैंक से कर्ज के एवज में प्रावधान के लिये नई व्यवस्था अपेक्षित कर्ज नुकसान लागू करने को लेकर एक साल का और समय देने का आग्रह किया है। फिलहाल बैंक कर्ज के गैर-निष्पादित परिसंपत्ति यानी फंसे ऋण में तब्दील होने पर प्रावधान करते हैं। वहीं नई व्यवस्था के लागू होने पर बैंक को नुकसान के प्रावधान को लेकर कर्ज के फंसे ऋण में तब्दील होने का इंतजार करने की जरूरत नहीं होगी। उन्हें अनुमान के आधार पर अपेक्षित कर्ज नुकसान का अनुमान लगाना आवश्यक है और उसके आधार पर प्रावधान करना होगा। ऐसा माना जा रहा है कि इससे बैंकों के लाभ पर एकबारगी प्रभाव पड़ेगा। 

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