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Hindi News पैसा बिज़नेस बिना दावे वाली राशि का पता लगाने को पोर्टल बनाएगा रिजर्व बैंक, बैंकों के पास इतने हजार करोड़ पड़े हुए

बिना दावे वाली राशि का पता लगाने को पोर्टल बनाएगा रिजर्व बैंक, बैंकों के पास इतने हजार करोड़ पड़े हुए

सबसे अधिक 8,086 करोड़ रुपये की बिना दावे वाली राशि भारतीय स्टेट बैंक में जमा है। इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक में 5,340 करोड़ रुपये की बिना दावे वाली राशि है।

शक्तिकांत दास - India TV Paisa Image Source : PTI शक्तिकांत दास

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने विभिन्न बैंकों में बिना दावे वाली जमा राशि का पता लगाने के लिए एक केंद्रीकृत पोर्टल शुरू करने का फैसला किया है। बैंकों में बड़ी मात्रा में ऐसे खाते हैं जिनमें जिनमें बरसों से कोई लेनदेन नहीं हुआ है। फरवरी, 2023 तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने रिजर्व बैंक को करीब 35,000 करोड़ रुपये की ऐसी जमा स्थानांतरित की है, जिनमें पिछले 10 साल से कोई लेनदेन नहीं हुआ है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बृहस्पतिवार को चालू वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए कहा कि जमाकर्ताओं और लाभार्थियों की पहुंच को व्यापक करने और उसमें सुधार के लिए एक वेब पोर्टल बनाने का फैसला किया गया है।

भारतीय स्टेट बैंक के पास सबसे अधिक राशि

इसके जरिये विभिन्न बैंकों में जमा बिना दावे वाली राशि का पता लगाया जा सकेगा। सबसे अधिक 8,086 करोड़ रुपये की बिना दावे वाली राशि भारतीय स्टेट बैंक में जमा है। इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक में 5,340 करोड़ रुपये की बिना दावे वाली राशि है। केनरा बैंक में ऐसी जमा राशि 4,558 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ बड़ौदा (बॉब) में 3,904 करोड़ रुपये है।

आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को बढ़ाकर 6.5% किया

भारतीय रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को चालू वित्त वर्ष के लिये आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को मामूली बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया। पहले इसके 6.4 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी थी। वित्त वर्ष 2023-24 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी, तीसरी और चौथी तिमाही में वृद्धि दर के क्रमश: 6.2 प्रतिशत, 6.1 प्रतिशत और 5.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। दास ने कहा कि देश की वास्तविक यानी स्थिर मूल्य पर जीडीपी वृद्धि दर 2022-23 में सात प्रतिशत रहने का अनुमान बना हुआ है। 

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