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Hindi News पैसा बिज़नेस Rupee-Dollar : डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया एतिहासिक निचले स्तर 77.82 पर, जानिए आपके लिए क्या हैं मायने

Rupee-Dollar : डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया एतिहासिक निचले स्तर 77.82 पर, जानिए आपके लिए क्या हैं मायने

अब आपको न सिर्फ विदेश से आयात होने वाले तेल, कंप्यूटर, मोबाइल के लिए ज्यादा पैसे अदा करने होंगे, वहीं विदेश में बच्चे की पढ़ाई का सपना भी महंगा हो जाएगा।

<p>Indian Rupee</p>- India TV Paisa Image Source : FILE Indian Rupee

Highlights

  • डॉलर के मुकाबले आठ पैसे की गिरावट के साथ 77.82 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया
  • रुपये का यूं लुढ़कना सिर्फ सरकार के लिए ही नहीं बल्कि आपके लिए भी चिंता का सबब
  • यदि आप आईटी कंपनी में है तो आपको इंसेंटिव अच्छा मिल सकता है

अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया लगातार अपने निचले स्तर को छू रहा है। शुक्रवार को भी डॉलर की मजबूती के चलते रुपया शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले आठ पैसे की गिरावट के साथ 77.82 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 77.81 पर कमजोर रुख के साथ खुला, और फिर 77.82 पर आ गया, जो इसका सर्वकालिक निम्न स्तर है। 

डॉलर के मुकाबले रुपये का यूं लुढ़कना सिर्फ सरकार के लिए ही नहीं बल्कि आपके लिए भी चिंता का सबब है। अब आपको न सिर्फ विदेश से आयात होने वाले तेल, कंप्यूटर, मोबाइल के लिए ज्यादा पैसे अदा करने होंगे, वहीं विदेश में बच्चे की पढ़ाई का सपना भी महंगा हो जाएगा। हालांकि यदि आप आईटी कंपनी में है तो आपको इंसेंटिव अच्छा मिल सकता है। 

रुपये में गिरावट के बड़े असर 

रुपये की कमजोरी से सीधा असर आपकी जेब पर होगा। आवश्यक सामानों की कीमतों में तेजी के बीच रुपये की कमजोरी आपकी जेब को और छलनी करेगी। भारत अपनी जरुरत का 80 फीसदी कच्चा तेल विदेशों से खरीदता है। अमेरिकी डॉलर के महंगा होने से रुपया ज्यादा खर्च होगा। इससे माल ढुलाई महंगी होगी। इसका सीधा असर हर जरूरत की चीज की महंगाई पर होगा। 

मोबाइल लैपटॉप की कीमतों पर असर 

भारत अधिकतर मोबाइल और अन्य गैजेट का आयात चीन और अन्य पूर्वी एशिया के शहरों से होता है। विदेश से आयात के लिए अधिकतर कारोबार डॉलर में होता है। विदेशों से आयात होने के कारण अब इनकी कीमतें बढ़नी तय मानी जा रही है। भारत में अधिकतर मोबाइल की असेंबलिंग होती है। ऐसे में मेड इन इंडिया का दावा करने वाले गैजेट पर भी

विदेश में पढ़ना महंगा 

इसका असर विदेश में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों पर रुपये की कमजोरी का खासा असर पड़ेगा। इसके चलते उनका खर्च बढ़ जाएगा। वे अपने साथ जो रुपये लेकर जाएंगे उसके बदले उन्हें कम डॉलर मिलेंगे। वहीं उन्हें चीजों के लिए अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी। इसके अलावा विदेश यात्रा पर जाने वाले भारतीयों को भी ज्यादा खर्च करना पड़ेगा। 

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