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Hindi News पैसा बिज़नेस अडाणी ग्रुप को SBI ने दिया इतने हजार करोड़ का कर्ज, खुद चेयरमैन ने आज दी यह जानकारी

अडाणी ग्रुप को SBI ने दिया इतने हजार करोड़ का कर्ज, खुद चेयरमैन ने आज दी यह जानकारी

खारा ने कहा कि अडाणी समूह की परियोजनाओं को कर्ज देते समय भौतिक संपत्तियों एवं समुचित नकदी प्रवाह को ध्यान में रखा गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस समूह का बकाया कर्ज चुकाने का रिकॉर्ड बहुत अच्छा रहा है।

अडाणी ग्रुप- India TV Paisa Image Source : AP अडाणी ग्रुप

देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने शुक्रवार को कहा कि अडाणी समूह की कंपनियों को उसने करीब 27,000 करोड़ रुपये का कर्ज दिया हुआ है जो कुल वितरित ऋणों का सिर्फ 0.88 प्रतिशत है। एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि बैंक की ऐसी धारणा नहीं है कि अडाणी समूह अपनी कर्ज देनदारियों को पूरा करने में किसी तरह की चुनौती का सामना कर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एसबीआई ने इस समूह को शेयरों के एवज में कोई कर्ज नहीं दिया है। 

खारा ने कहा कि अडाणी समूह की परियोजनाओं को कर्ज देते समय भौतिक संपत्तियों एवं समुचित नकदी प्रवाह को ध्यान में रखा गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस समूह का बकाया कर्ज चुकाने का रिकॉर्ड बहुत अच्छा रहा है। अडाणी समूह के शेयरों में पिछले कुछ दिनों में आई भारी गिरावट के बीच कर्जदाता संस्थानों पर असर पड़ने की आशंका के बीच एसबीआई प्रमुख ने कहा कि समूह ने कर्ज को पुनर्वित्त करने का कोई अनुरोध नहीं किया है।

एसबीआई का लाभ 62% बढ़कर 15,477 करोड़ हुआ

देश के सबसे बड़ा ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का चालू वित्त वर्ष (2022-23) की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में शुद्ध लाभ 62 प्रतिशत बढ़कर 15,477 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। बैंक ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। एसबीआई का अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में एकल आधार पर शुद्ध लाभ बढ़कर 14,205 करोड़ रहा है, जो पिछले साल समान अवधि में 8,432 करोड़ रुपये और इससे पिछली जुलाई-सितंबर तिमाही में 13,265 करोड़ रुपये रहा था। बैंक ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि उसकी कुल आय तीसरी तिमाही में 98,084 करोड़ रुपये रही, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 78,351 करोड़ रुपये रही थी। इस साल तीसरी तिमाही में बैंक का परिचालन खर्च 24,317 करोड़ रुपये रहा। पिछले पिछले वर्ष की इसी तिमाही में यह 20,839 करोड़ रुपये था। इस तिमाही में गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) के लिए प्रावधान लगभग आधा होकर 1,586 रुपये रह गया।

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