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DHFL के पूर्व प्रमोटर्स के बैंक-डीमैट अकाउंट होंगे कुर्क, इस मामले में सेबी ने दोनों भाइयों के लिए जारी किया फरमान

जुलाई, 2023 में नियामक ने खुलासा मानदंडों के उल्लंघन के लिए धीरज और कपिल वधावन पर 10-10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। लेकिन दोनों ने ही जुर्माना नहीं चुकाया।

सेबी ने सभी बैंकों, डिपॉजिटरी और म्यूचुअल फंड से खाते से राशि निकालने की अनुमति नहीं देने को कहा है।- India TV Paisa Image Source : REUTERS सेबी ने सभी बैंकों, डिपॉजिटरी और म्यूचुअल फंड से खाते से राशि निकालने की अनुमति नहीं देने को कहा है।

दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्प लिमिटेड (डीएचएफएल) के पूर्व प्रमोटर धीरज वधावन और कपिल वधावन पर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कड़ा एक्शन लिया है। सेबी ने दोनों भाइयों के बैंक अकाउंट और डीमैट अकाउंट को कुर्क करने का आदेश जारी कर दिया है। दोनों भाइयों पर 22 लाख रुपये से अधिक के बकाया की वसूली के लिए यह एक्शन लिया गया है। भाषा की खबर के मुताबिक, खुलासा मानदंडों के उल्लंघन के मामले में सेबी द्वारा दोनों भाई पर पिछले साल जुलाई में जुर्माना लगाया गया था।

10-10 लाख रुपये का जुर्माना लगा था

खबर के मुताबिक, धीरज वधावन और कपिल वधावन ने जुर्माना नहीं चुकाया, जिसके बाद सेबी ने यह ऑर्डर जारी किया है। वधावन बंधुओं पर 10.6-10.6 लाख रुपये की लंबित बकाया राशि में प्रारंभिक जुर्माना राशि, ब्याज और वसूली लागत शामिल है। जुलाई, 2023 में नियामक ने खुलासा मानदंडों के उल्लंघन के लिए धीरज और कपिल वधावन पर 10-10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। ये दोनों डीएचएफएल (जिसे अब पीरामल फाइनेंस के नाम से जाना जाता है) के प्रमोटर्स थे। कपिल वधावन डीएचएफएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक थे, जबकि धीरज वधावन कंपनी के गैर-कार्यकारी निदेशक। ये दोनों डीएचएफएल के निदेशक मंडल के सदस्य भी थे।

इस जांच के बाद आया ये फरमान

कुर्की का यह आदेश सेबी की डीएचएफएल प्रामेरिका लाइफ इंश्योरेंस (तत्कालीन डीएलएफ प्रामेरिका लाइफ इंश्योरेंस) में डीएचएफएल द्वारा रखे गए शेयरों को उसकी पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी कंपनी डीएचएफएल इन्वेस्टमेंट्स और दूसरी संबंधित लेनदेन में ट्रांसफर करने की जांच के बाद आया। यह जांच फरवरी-मार्च 2017 के बीच की गई। इसमें सेबी ने पाया कि दोनों भाई कंपनियों द्वारा पोस्टल बैलेट नोटिस में अधूरी जानकारी दी है। कुर्की नोटिस में कहा गया है कि इस बात पर विश्वास करने के पर्याप्त कारण मौजूद हैं कि डिफॉल्टर बैंक खातों में राशि और डीमैट खातों में प्रतिभूतियों का निपटान कर सकते हैं।

प्रमोटर्स को चेतावनी भी दी गई थी

सेबी ने सभी बैंकों, डिपॉजिटरी और म्यूचुअल फंड से खाते से राशि निकालने की अनुमति नहीं देने को कहा है। हालांकि, खातों में राशि जमा कराने की परमिशनहै। सेबी ने जनवरी में धीरज और कपिल को मांग नोटिस भेजकर मामले में प्रत्येक को 10.6 लाख रुपये का भुगतान करने को कहा था। उन्हें 15 दिन के भीतर भुगतान करने में विफल रहने पर गिरफ्तारी और संपत्ति के साथ-साथ बैंक खातों को जब्त करने की चेतावनी भी दी गई थी।

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