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Hindi News पैसा बिज़नेस सरकार की Digital कोशिश बेअसर, नोटबंदी के 6 साल बाद नकदी बढ़कर 30.88 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर

सरकार की Digital कोशिश बेअसर, नोटबंदी के 6 साल बाद नकदी बढ़कर 30.88 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर

Cash Transaction Data: मोदी सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद भारतीय कैश ट्रांजैक्शन पर अधिक फोकस कर रहे हैं। आज जारी हुई इस रिपोर्ट में कई खुलासे हुए हैं, और सरकार के डिजिटल अभियान को बेअसर बताया गया है।

 नोटबंदी के 6 साल बाद नकदी बढ़कर 30.88 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर- India TV Paisa Image Source : INDIA TV नोटबंदी के 6 साल बाद नकदी बढ़कर 30.88 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर

Cash Transation Data: देश में डिजिटल ट्रांजैक्शन (Digital Transaction) को बढ़ाने को लेकर केंद्र सरकार द्वारा की जा रही कोशिश बेअसर होती दिखाई दे रही है। भारत में कैश का ट्रांजैक्शन धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। देश में जनता के बीच मौजूद नकदी 21 अक्टूबर 2022 तक 30.88 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई जो यह दर्शाता है कि नोटबंदी के छह साल बाद भी देश में नकदी का भरपूर उपयोग जारी है। 

आठ नवंबर 2016 को मोदी सरकार ने की थी नोटबंदी

यह आंकड़ा चार नवंबर 2016 को समाप्त पखवाड़े में चलन में मौजूद मुद्रा के स्तर से 71.84 प्रतिशत अधिक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर 2016 को अर्थव्यवस्था में भ्रष्टाचार और काले धन की समस्या को दूर करने के उद्देश्य से 500 और 1,000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर कर दिया था। इस कदम का उद्देश्य भारत को 'कम नकदी' वाली अर्थव्यवस्था बनाना था। इस कदम को खराब योजना और निष्पादन बताते हुए कई विशेषज्ञों ने इसकी आलोचना की थी। 

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से पखवाड़े के आधार पर शुक्रवार को जारी धन आपूर्ति आंकड़ों के अनुसार, इस साल 21 अक्टूबर तक जनता के बीच चलन में मौजूद मुद्रा का स्तर बढ़कर 30.88 लाख करोड़ रुपये हो गया। यह आंकड़ा चार नवंबर 2016 को समाप्त पखवाड़े में 17.7 लाख करोड़ रुपये था। 

जनता के पास ऐसी करेंसी अधिक

जनता के पास मुद्रा से तात्पर्य उन नोटों और सिक्कों से है जिनका उपयोग लोग लेन-देन, व्यापार और सामान तथा सेवाओं को खरीदने के लिए किया जाता है। चलन में मौजूद कुल मुद्रा में से बैंकों के पास पड़ी नकदी को घटा देने पर पता चलता है कि चलन में कितनी मुद्रा लोगों के बीच है। गौरतलब है कि भुगतान के नए और सुविधाजनक डिजिटल विकल्प के लोकप्रिय होने के बावजूद अर्थव्यवस्था में नकदी का उपयोग लगातार बढ़ रहा है। 

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