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Hindi News पैसा बिज़नेस कहानी उस 'विस्तारा' की जिसका आज सूरज डूब गया! कंपनी के पास 9.2 फीसदी थी बाजार हिस्सेदारी

कहानी उस 'विस्तारा' की जिसका आज सूरज डूब गया! कंपनी के पास 9.2 फीसदी थी बाजार हिस्सेदारी

आज आखिरकार विस्तारा का विलय टाटा ग्रुप के एयरलाइन के साथ करने का ऐलान कर दिया गया। विस्तारा के पास एयरलाइन इंडस्ट्री में 9.2 फीसदी की बाजार हिस्सेदारी थी। आइए इस कंपनी के शुरु होने से विलय होने तक की कहानी जानते हैं।

कहानी उस 'विस्तारा' की जिसका आज सूरज डूब गया!- India TV Paisa Image Source : PTI कहानी उस 'विस्तारा' की जिसका आज सूरज डूब गया!

Vistara Airline: बात 1994 की है। उस समय टाटा समूह और सिंगापुर एयरलाइंस (एसआईए) ने भारत में संयुक्त रूप से एयरलाइन शुरू करने के प्रयास किये थे। उसके छह साल बाद उन्होंने एयर इंडिया में हिस्सेदारी लेकर दोबारा से देश के विमानन बाजार में दस्तक देने की कोशिश की। हालांकि, उनके दोनों प्रयास विफल रहे। 

2015 में विस्तारा ने शुरू की थी उड़ान सेवा

दोनों कंपनियों के सपने ने हकीकत का रूप लिया और जनवरी 2015 में विस्तारा ने उड़ान सेवा शुरू की। टाटा समूह ने मंगलवार को विस्तारा का विलय एयर इंडिया में किये जाने की घोषणा की। विस्तारा अब बाजार हिस्सेदारी के मामले में देश की दूसरी सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी थी। कंपनी ने अपनी पहली उड़ान दिल्ली से मुंबई के बीच नौ जनवरी 2015 को भरी थी। 

कंपनी के पास 9.2 फीसदी थी बाजार हिस्सेदारी

विस्तारा की बाजार हिस्सेदारी अक्टूबर में 9.2 प्रतिशत थी। फिलहाल विमानन कंपनी 43 घरेलू और विदेशी गंतव्यों को जोड़ती है और रोजाना 260 से अधिक उड़ानों का परिचालन करती है। कंपनी के बेड़े 54 विमान और 4,500 कर्मचारी हैं। 

Image Source : ptiविस्तारा की बाजार हिस्सेदारी अक्टूबर में 9.2 प्रतिशत थी।

विस्तारा की वेबसाइट पर मौजूद है ये अहम जानकारी

विस्तारा की वेबसाइट के अनुसार, ‘‘टाटा समूह और सिंगापुर एययरलाइंस दोनों का भारत के विमानन क्षेत्र में वृद्धि की संभावना को लेकर पूरा भरोसा रहा है। इसीलिए उन्होंने पूर्व में दो बार भारतीय बाजार में प्रवेश करने की कोशिश की थी। सबसे पहले 1994 में संयुक्त उद्यम बनाकर भारत में एयरलाइन बनाने का प्रयास किया। बाद में 2000 में एयर इंडिया में हिस्सेदारी खरीदने के लिये गठजोड़ किया।’’ 

एयरलाइन क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा पर पाबंदी 2012 में हटने के बाद टाटा समूह और सिंगापुर एयरलाइंस ने फिर से गठजोड़ की मंजूरी मांगी। उन्हें अक्टूबर 2013 में मंजूरी मिली थी। नवंबर 2013 में टाटा एसआईए एयरलाइंस लि.अस्तित्व में आई, जो विस्तारा की होल्डिंग कंपनी है। 

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