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एयर इंडिया के सीनियर पायलट और मैनेजमेंट के बीच क्यों है तनाव? यहां जान लीजिए वजह

नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि टाटा को कंट्रोल लेने के तुरंत बाद पुरानी प्रबंधन टीम को हटाकर एक नई टीम को नियुक्त करना चाहिए था।

एयरलाइन के पायलटों और नए प्रबंधन के बीच संबंधों में खटास अब तक के उच्‍चतम स्तर पर पहुंच गई है।- India TV Paisa Image Source : PIXABAY एयरलाइन के पायलटों और नए प्रबंधन के बीच संबंधों में खटास अब तक के उच्‍चतम स्तर पर पहुंच गई है।

एयर इंडिया (Air India) के सीनियर पायलट और एयरलाइन के नए मैनेजमेंट के बीच लगातार तनाव (Air India pilot management controversy) की स्थिति है। दोनों के बीच के संबंध तेजी से तनावपूर्ण होते जा रहे हैं, खासकर एयर इंडिया के भीतर, जिसके स्वामित्व में लगभग दो साल पहले बदलाव हुआ था। IANS की खबर के मुताबिक, जब से टाटा संस ने एयर इंडिया का अधिग्रहण किया है, एयरलाइन के पायलटों और नए प्रबंधन के बीच संबंधों में खटास अब तक के उच्‍चतम स्तर पर पहुंच गई है।

सीनियर पायलट अपनी शिकायतों के बारे में मुखर रहे हैं
खबर के मुताबिक, यह कोई रहस्य नहीं है कि वरिष्ठ पायलटों को अपने पेशे की अनूठी प्रकृति को देखते हुए, अक्सर उन संगठनों के भीतर अपनेपन की भावना तलाशने के लिए संघर्ष करना पड़ता है जिनमें वे सेवा करते हैं। एयर इंडिया के सीनियर पायलट (Air India pilot) अपनी शिकायतों के बारे में मुखर रहे हैं, अक्सर व्हाट्सऐप जैसे प्लेटफॉर्म पर अपनी चिंताओं को शेयर करते हैं। अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि पायलटों और चालक दल के सदस्यों की यह स्थिति इन महत्वपूर्ण कर्मचारियों को अलग-थलग करने के उद्देश्य से जानबूझकर अपनाई गई रणनीति है।

हाई रैंक की भूमिका से हटाने के आरोप
एयरलाइन (Air India) के अंदरूनी सूत्रों का आरोप है कि सीनियर पायलट को उनकी ऊंचे पदों की भूमिकाओं से हटा दिया गया, जिसमें संचालन प्रमुख जैसे पद भी शामिल थे, जिसके बाद प्रबंधन के साथ टकराव शुरू हो गया। टाटा प्रबंधन ने सेवा की क्वालिटी पर ध्यान केंद्रित किया है, लेकिन संगठन के भीतर गंभीर मुद्दों के सॉल्यूशन की तत्काल जरूरत मालूम होती है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि टाटा को कंट्रोल लेने के तुरंत बाद पुरानी प्रबंधन टीम को हटाकर एक नई टीम को नियुक्त करना चाहिए था। काम करने के अपने मौजूदा तरीकों के साथ बरकरार प्रबंधन को एक अस्थिर प्रभाव के रूप में देखा जाता है, जो एयरलाइन के भीतर अंदरूनी कलह को बढ़ावा देता रहता है।

पूर्व पायलट शक्ति लुंबा ने एक्स पर पोस्ट किया कि एयर इंडिया में बस इतना हुआ है कि एक प्रवासी सीईओ और एक प्रवासी सुरक्षा निदेशक मिला है, जिनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है। टाटा ने आईएएस बाबू की जगह टीएएस बाबू को रख लिया है। सीनियर मैनेजमेंट को बरकरार रखा गया है जिनका सलेक्शन योग्‍यता की बजाय सीनियरिटी के आधार पर हुआ था। खेल, गुटबाजी, कलह और आंतरिक राजनीति पहले की तरह जारी है। एयरलाइन  (Air India) आंतरिक कलह (Air India pilot management controversy) से जूझ रही है, और सीनियर पायलटों और प्रबंधन के बीच संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं, जो कि उभरते उद्योग की बाहरी उपस्थिति से बहुत दूर है।

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