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रिटायरमेंट के बाद नहीं होगी पैसे की किल्लत, बस इस तरह करें फाइनेंशियल प्लानिंग

फाइनेंशियल प्लानर का कहना है कि सेवानिवृत्ति के बाद अपने खर्च को वर्गीकृत करना चाहिए। फिर उसको लेकर प्लानिंग रनी चाहिए। रिटायरमेंट के बाद एक नियमित खर्च होता है, जिसमें खरीदारी, यात्रा दवा, आदि शामिल होता है।

रिटायरमेंट प्लानिंग- India TV Paisa Image Source : FILE रिटायरमेंट प्लानिंग

नौकरीपेशा लोगों की सबसे बड़ी चिंता होती है कि रिटायरमेंट के बाद खर्च कैसे चलेगा? ऐसा इसलिए कि रिटायरमेंट के बाद सैलरी से होने वाली आय खत्म हो जाती है। बस बचत का सहारा रहता है। हालांकि, अगर सही तरीके से नौकरी में रहते हुए प्लानिंग की जाए तो रिटारयमेंट के बाद भी पैसे की किल्लत नहीं होगी। हम आपको बता रहें है कि रिटायरमेंट के बाद पैसे की कमी नहीं हो, इस​के लिए किस तरह से फाइनेंशियल प्लानिंग करनी चाहिए।

रिटायरमेंट प्लानिंग में किन बातों का ख्याल रखें

फाइनेंशियल प्लानर का कहना है कि सेवानिवृत्ति के बाद अपने खर्च को वर्गीकृत करना चाहिए। फिर उसको लेकर प्लानिंग रनी चाहिए। रिटायरमेंट के बाद एक नियमित खर्च होता है, जिसमें खरीदारी, यात्रा दवा, आदि शामिल होता है। आपके पास एक आपातकालीन निधि भी होनी चाहिए। एक वरिष्ठ नागरिक के रूप में आपको आपात स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए आपको इसके लिए तैयार रहना होगा। महंगाई आपके बचत पर किस तरह का असर डालेगा यह भी अपने प्लान में शामिल करना चाहिए। सामान्य महंगाई की तुलना इलाज का खर्च तेजी से बढ़ रहा है। 

कहां पर पैसा निवेश करना बेहतर होगा 

एक्सपर्ट का कहना है कि आप नौकरी शुरू होने के साथ अपनी आय का 30 फीसदी रकम बचत करना शुरू कर दें। इस पैसे को एसआईपी के जरिये अलग—अलग म्यूचुअल फंड में निवेश करें। लंबी अवधि के लिए हाइब्रिड म्यूचुअल फंड में निवेश करना सही होगा क्योंकि यह डेट और इक्विटी दोनों का एक संयोजन है। डेट फंड कम जोखिम के साथ स्थिर रिटर्न प्रदान करता है, जबकि इक्विटी फंड में उच्च रिटर्न लेकिन उच्च जोखिम की क्षमता होती है। हाइब्रिड फंड दोनों फंडों की अच्छाइयों को एक पैकेज होता है। आमतौर पर लोग सेवानिवृत्ति निवेश के रूप में सेकेंडरी आय स्रोत, जैसे किराये की आय, सोने की बचत या सावधि जमा पर निर्भर रहते हैं। अगर आपके पास कुछ किराये की आय है, तो यह बहुत अच्छा है! फिर, आपके पास निश्चित जमा (एफडी) में कुछ पैसा होना चाहिए। और, निश्चित रूप से, आपको इक्विटी में भी कुछ पैसा रखना होगा। 

सिस्टमैटिक विड्रॉल प्लान लें

म्यूचुअल फंडों में सिस्टमैटिक विड्रॉल प्लान एक बेहतरीन स्कीम है। आपको बता दें कि सिस्टेमैटिक विद्ड्रॉल प्लान (SWP) के जरिये निवेशक एक तय राशि म्यूचुअल फंड स्कीम (Mutual Fund Schemes) से वापस पाते हैं। कितने समय में कितना पैसा निकालना है, यह विकल्प निवेशक चुनते हैं। वे मासिक या तिमाही आधार पर यह काम कर सकते हैं। स्वचालित रूप से आपकी राशि आपके बैंक खाते में जमा हो जाती है। सिस्टमैटिक विड्रॉल प्लान के साथ, आप अपने बैंक खाते में जमा करने के लिए एक मासिक राशि निर्धारित कर सकते हैं, साथ ही निवेश रिटर्न से भी लाभ उठा सकते हैं जो आदर्श रूप से समय के साथ मुद्रास्फीति को पार कर जाता है।

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