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Hindi News पैसा बिज़नेस US Federal Reserve Rate Hike: यूएस फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में की 28 साल में सर्वाधिक 0.75% की वृद्धि, जानिए भारत पर असर

US Federal Reserve Rate Hike: यूएस फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में की 28 साल में सर्वाधिक 0.75% की वृद्धि, जानिए भारत पर असर

ब्याज दरों में यह बढ़ोत्तरी अमेरिका में महंगाई को जरूर थाम सकती है, लेकिन इससे भारत में कीमत वृद्धि का नया दौर शुरू हो सकता है।

<p>Federal Reserve</p>- India TV Paisa Image Source : FILE Federal Reserve

Highlights

  • फेड रिजर्व ने ब्याज दरों में 75 बेसिस प्वाइंट या 0.75 फीसदी तक का इजाफा किया
  • मई माह में अमेरिका की महंगाई दर 40 साल के उच्चतम स्तर पर
  • अमेरिकी फेड की ब्याज दरें बढ़ने से भारतीय मुद्रा पर संकट के बादल

US Federal Reserve Rate Hike: अमेरिकी केंद्रीय बैंक यूएस फेड रिजर्व ने ब्याज दरों में 75 बेसिस प्वाइंट या 0.75 फीसदी तक का इजाफा किया है। यह 28 साल की सबसे बड़ी बढ़ोतरी है। आपको बता दें कि मई माह में अमेरिका की महंगाई दर 40 साल के उच्चतम स्तर पर थी। फेड रिजर्व ने ब्याज दरों में इतनी बड़ी वृद्धि नवंबर 1994 में की थी। 

ब्याज दरों में यह बढ़ोत्तरी अमेरिका में महंगाई को जरूर थाम सकती है, लेकिन इससे भारत में कीमत वृद्धि का नया दौर शुरू हो सकता है। अमेरिकी फेड की ब्याज दरें बढ़ने से भारतीय मुद्रा पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। रुपया गिरने से भारत में महंगाई का भूचाल आ सकता है। 

Image Source : IndiatvUS Fed rate hike impact on India

डॉलर के मुकाबले दूसरी करेंसीज की घटेगी वैल्यू

अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ जाने से वहां की मुद्रा की कीमत बढ़ जाती है। डॉलर मजबूत होने लगता है। फलस्वरूप डॉलर की तुलना में रुपया जैसी दूसरी करेंसीज की वैल्यू घट जाती है। दूसरी तरफ विदेशी निवेशकों द्वारा भारत से पैसा निकाला जाता है, तब भी रुपया कमजोर होगा। ऐसे में सरकार को रुपये (Indian Rupee) में मजबूती के लिए जल्द से जल्द कदम उठाने होते हैं।

Image Source : fileGlobal Rate hike after march

क्यों बढ़ानी पड़ी ब्याज दरें 

अमेरिका में इस समय महंगाई दर 40 वर्षों की सबसे उच्च गति से बढ़ रही है। मई महीने में अमेरिका में महंगाई दर 8.6 फीसदी दर्ज हुई थी। महंगाई पर रोक लगाने के लिए ही फेड रिजर्व प्रमुख ब्याज दरों में बढ़ोतरी का फैसला ले रहा है। ब्याज दर बढ़ने से लोन महंगे हो जाते हैं। इससे लोगों की स्पेंडिंग कम हो जाती है। ऐसे में मांग घटती है और वस्तुओं की कीमतें गिरनी शुरू हो जाती हैं। दूसरी तरफ महंगाई को रोकने के लिए यूएस फेड ब्याज दर बढ़ाता है, तो डॉलर मजबूत होता है।

जुलाई में फिर बढ़ोतरी संभव

फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने बुधवार रात ब्याज दरों में वृद्धि की घोषणा के वक्त ही यह संकेत भी दे दिया कि आगे भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी हो सकती है। जेरोम पॉवेल के मुताबिक फेड जुलाई में फिर से दरों में 0.75 की बढ़ोतरी कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि फेड के पास महंगाई को कंट्रोल में लाने के लिए जरूरी समाधान हैं।

अमेरिकी बाजार में तेजी 

फेड रिजर्व के ताजा फैसले के बाद अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज में उछाल आया। डाउ जोन्स एक बार फिर 30,550 अंक के स्तर को पार कर गया। एसएंडपी 500 ने भी करीब 1 फीसदी के उछाल के साथ 3,770 अंक के स्तर को पार किया। वहीं, यूएस फेड के फैसले से डॉलर भी मजबूत हुआ है। बहरहाल, यूएस फेड के इस फैसले का असर भारत समेत दुनियाभर के शेयर बाजारों में देखने को मिलेगा। अब देखना अहम है कि गुरुवार के कारोबार में भारतीय शेयर बाजार का क्या रुख रहता है। 

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