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Hindi News पैसा बिज़नेस दुनिया भर में क्यों अचानक आया 'छंटनी' का तूफान, कंपनियां ताबड़तोड़ निकाल रही हैं कर्मचारी

दुनिया भर में क्यों अचानक आया 'छंटनी' का तूफान, कंपनियां ताबड़तोड़ निकाल रही हैं कर्मचारी

पहले मेटा ने करीब 10000 कर्मचारी निकालने की घोषणा की, उसके बाद अमेजन ने भी इतने ही कर्मचारी निकालने की घोषणा कर दी। अब गूगल भी अपने 10000 नाकारा कर्मचारियों को निकालने जा रही है।

Layoff - India TV Paisa Image Source : FILE Layoff

दुनिया में इस साल की शुरुआत तक नौकरियों का बाजार गुलजार था, लेकिन अचानक पूरी दुनिया में मौसम बदला और अचानक चारों ओर से छंटनी की आंधी शुरू हो गई।शुरुआत ट्विटर ने की, ट्विटर अपने आधे कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा चुका है। लेकिन मस्क के अफलातूनी कदम के बाद तो मानों छंटनी की बाढ़ आ गई। पहले मेटा ने करीब 10000 कर्मचारी निकालने की घोषणा की, उसके बाद अमेजन ने भी इतने ही कर्मचारी निकालने की घोषणा कर दी। अब गूगल भी अपने 10000 नाकारा कर्मचारियों को निकालने जा रही है। 

ये तो बस शुरुआत है? 

उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि वे पिछले सप्ताह में सिर्फ सुर्खियां हैं - और यह केवल शुरुआत है। तकनीक की दुनिया में कोरोना खत्म होने के बाद से कमाई तेजी से घट रही है। ऐसे में जब कंपनियां आने वाले वर्ष के लिए योजना बनाना शुरू कर रही हैं तो वे अपने वर्कफोर्स में भी कमी ला रही हैं। आर्थिक पूर्वानुमान गंभीर दिखने के साथ, टेक फर्मों ने इसकी शुरुआत भी कर दी है। कंपनियां वेतन लागत को कम करने के लिए अपने कार्यबल में कटौती के साथ शुरू कर रही हैं। 

अगले कुछ हफ्तों में होगी ताबड़तोड़ छंटनी 

विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले हफ्तों में हजारों तकनीकी कर्मचारी नौकरी से बाहर हो सकते हैं। गूगल और फेसबुक जैसी कंपनियों के बाद छोटी टेक कंपनियां भी अपने कारोबार को सिमटता देख अपने कर्मचारियों की संख्या को और कम करने पर काम कर रही हैं। ऐसे में नवंबर दिसंबर में छंटनी की यह महामारी वैश्विक रूप अख्तियार कर सकती है। 

क्यों इतने बिगड़ गए हालात

बड़ी टेक कंपनियों ने पिछले कुछ हफ्तों में कम-से-कम कमाई की अशंका व्यक्त की है। कंपनियों ने आने वाले महीनों के बारे में चेतावनी के संकेत भी दिए हैं। कंपनियों ने कहा कि मंदी का मंडराता खतरा ग्राहकों को खर्च कम करने के लिए मजबूर कर रहा है। इसका मतलब है कि आने वाले हफ्तों और महीनों में, कंपनियां लागत कम करने की के लिए और भी बड़े छंटनी कार्यक्रम की घोषणा कर सकती हैं। 

सबसे पहले वर्कफोर्स पर पड़ती है मार

विशेषज्ञों के अनुसार कोई भी कंपनी जब लागत में कटौती करती है, तो आमतौर पर सबसे पहली मार श्रम लागत और विज्ञापन और मार्केटिंग पर पड़ती है। टेक कंपनियां महामारी के बाद के दौर से गुजर रही हैं। वहीं वैश्विक मंदी के खतरे के बीच वे अपनी लागत को कम करने पर जोर दे रही हैं। बड़ी टेक कंपनियों के बाद अब स्टार्टअप्स में भी छंटनी का दौर शुरू हो सकता है। 

क्या कंपनियों की प्लानिंग का हिस्सा है छंटनियां

कुछ कंपनियों के लिए, ये आर्थिक चुनौतियाँ उसी समय आ रही हैं जब वे अगले वित्तीय वर्ष के लिए योजना बना रही हैं। उदाहरण के लिए, अमेज़ॅन, मेटा और Google के पास वित्तीय वर्ष हैं जो 2022 के अंत में या 2023 की शुरुआत में समाप्त होते हैं। हो सकता है कि वे वित्तीय वर्ष खत्म होने से पहले अपनी बैलेंस शीट ठीक करनी चाह रहे हों। उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी को अभी निकाल दिया जाता है तो इससे पहली तिमाही की लागत कम हो जाती है। यहां तक ​​कि अगर कर्मचारियों को तीन महीने की तरह लंबा ब्रेक दिया जाता है, तो भी उनका वेतन पहली तिमाही के अंत से पहले कंपनी की बैलेंस शीट में नहीं दिखाई देगा।

क्रिसमस तक छंटनी पर रहेगा जोर 

विशेषज्ञों का मानना है कि कंपनियां अपनी बैलेंसशीट को ठीक करने की जुगत में क्रिसमस छंटनी के नए दौर शुरू कर सकती हैं। इसका मतलब है कि क्रिसमस की छुट्टियों से पहले और साल की शुरुआत से पहले बड़ी संख्या में लोग अपनी नौकरी खो देंगे।"  हालांकि इसका दूसरा असर यह भी है कि साल की दूसरी तिमाही तक एक बार फिर नौकरियों में बहार आ सकती है। 

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