Repo Rate में अभी और कटौती करेगा RBI, सस्ता हो जाएगा लोन? जानें क्या कहता है SBI का रिसर्च
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) 29 सितंबर से 3 दिन तक विचार-विमर्श के लिए बैठक करेगी।

अक्टूबर में होने वाली मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के लिए रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती करना उचित और तर्कपूर्ण होगा क्योंकि अगले वित्त वर्ष 2026-27 में भी खुदरा महंगाई के नरम बने रहने की उम्मीद है। सोमवार को जारी भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के एक रिसर्च में ये बात कही गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर में गिरावट के बीच भारतीय रिजर्व बैंक इस साल फरवरी से अब तक रेपो रेट में 1.00 प्रतिशत की कटौती कर चुका है। लगातार 3 बार रेपो दर में कटौती करने के बाद आरबीआई ने अगस्त में इसे स्थिर रखने का फैसला किया था।
1 अक्टूबर को होगा एमपीसी की बैठक में लिए गए फैसलों का ऐलान
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) 29 सितंबर से 3 दिन तक विचार-विमर्श के लिए बैठक करेगी। बैठक में लिए फैसले की घोषणा 1 अक्टूबर को की जाएगी। भारतीय स्टेट बैंक के इकोनॉमिक रिसर्च डिपार्टमेंट की रिसर्च रिपोर्ट ‘एमपीसी बैठक की प्रस्तावना’ में कहा गया, ‘‘ सितंबर में ब्याज दरों में कटौती करना उचित और तर्कसंगत है, लेकिन इसके लिए आरबीआई द्वारा सोच-समझकर विचार-विमर्श की जरूरत होगी क्योंकि जून के बाद ब्याज दरों में कटौती की संभावना वास्तव में ज्यादा होगी।’’
अक्टूबर में 1.1 प्रतिशत के करीब हो सकता है सीपीआई
रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2026-27 के लिए CPI के आंकड़े अब लगभग 4 प्रतिशत या उससे कम के आसपास हैं। GST दरों में कटौती करने के साथ ही अक्टूबर में सीपीआई 1.1 प्रतिशत के करीब हो सकता है, जो 2004 के बाद सबसे कम होगा। एसबीआई के रिसर्च में कहा गया है, ‘‘ सितंबर में ब्याज दरों में कटौती आरबीआई के लिए सबसे अच्छा विकल्प है जो इसे एक दूरदर्शी केंद्रीय बैंक के रूप में भी पेश करेगा।’’
मुद्रास्फीति में आ सकती है 0.65 से 0.75 प्रतिशत तक की गिरावट
एसबीआई के ग्रुप चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर सौम्य कांति घोष द्वारा लिखी गई रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि जीएसटी में सुधार किए जाने से सीपीआई मुद्रास्फीति में 0.65 से 0.75 प्रतिशत की और गिरावट आ सकती है। सरकार ने आरबीआई को ये सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि सीपीआई दोनों तरह 2 प्रतिशत घट-बढ़ के साथ 4 प्रतिशत पर बनी रहे।