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Hindi News पैसा बाजार विदेशी संकेतों, भू-राजनीतिक घटनाक्रमों और आर्थिक आंकड़ों से तय होगी बाजार की चाल

विदेशी संकेतों, भू-राजनीतिक घटनाक्रमों और आर्थिक आंकड़ों से तय होगी बाजार की चाल

इस हफ्ते आने वाले PMI और वाहन बिक्री आंकड़ों पर भी निवेशकों की नजर

<p>stock market next week</p>- India TV Paisa Image Source : GOOGLE stock market next week

नई दिल्ली। इस सप्ताह शेयर बाजार की चाल विदेशी संकेतों, भू-राजनीतिक घटनाक्रमों और कोरोना वायरस के मामलों के रुख से तय होगी। बाजार के जानकारों ने कहा कि निवेशक विनिर्माण व सेवा क्षेत्रों के खरीद प्रबंध सूचकांक (पीएमआई) से संबंधित आंकड़ों जैसे वृहद आर्थिक संकेतों पर भी नजर बनाये रखेंगे। ये आंकड़े इस सप्ताह जारी होने वाले हैं। कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी की कार्यकारी उपाध्यक्ष, कोष प्रबंधक एवं इक्विटी शोध प्रमुख शिवानी सरकार कुरियन ने कहा, "यहां से, भारत के लिये स्थिति के सामान्य होने की गति तथा कोरोना वायरस संक्रमण के रुख से बाजार की दिशा तय होगी। चीन के साथ सीमा तनाव भी एक महत्वपूर्ण कारक रहेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि किसी भी बड़ी घरेलू घटना के अभाव में वैश्विक संकेतक बाजार की दिशा को नियंत्रित करना जारी रखेंगे। इसके अलावा, वृहद आर्थिक आंकड़े और वाहनों की बिक्री के आंकड़े भी निवेशकों के रडार पर होंगे।

रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा, "निवेशक भारत और चीन के सीमा विवाद पर कड़ी नजर रखेंगे। तनाव बढ़ने की कोई नई खबर बाजार पर ठीक असर नहीं डालेगी।’’ कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों तथा वैश्विक स्तर पर आर्थिक वृद्धि दर के पूर्वानुमानों में कटौती को पीछे छोड़ते हुए पिछले कई कारोबारी सत्रों से बाजार चढ़ता आ रहा है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने शुक्रवार को कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था काफी दिक्कतों में है। एजेंसी ने इस वित्त वर्ष में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में पांच प्रतिशत की गिरावट आने का भी अनुमान व्यक्त किया। सैमको सिक्योरिटीज एंड स्टॉकनोट के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जिमीत मोदी ने कहा कि बाजार भारत व चीन के गतिरोध के साथ-साथ अमेरिका व चीन की व्यापार वार्ता की प्रगति से प्रभावित होगा।

वहीं कोटक सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष (पीसीजी रिसर्च) संजीव जरबादे ने कहा, "भू-राजनीतिक चिंताएं और कोविड-19 की दूसरी लहर की आशंकाएं निकट अवधि के लिये जोखिम बनी हुई हैं, जो निवेशकों की धारणा को प्रभावित कर सकती हैं।" मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के प्रमुख (खुदरा शोध) सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘बाजार की दिशा समझने के लिये निवेशक वैश्विक संकेतकों और भू-राजनीतिक तनावों पर कड़ी नजर रखेंगे।’’

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