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Hindi News पैसा बाजार भारतीय शेयर मार्केट की तेजी के दीवाने हुए विदेशी निवेशक, सिर्फ 4 दिन में कर डाला इतने हजार करोड़ का निवेश

भारतीय शेयर मार्केट की तेजी के दीवाने हुए विदेशी निवेशक, सिर्फ 4 दिन में कर डाला इतने हजार करोड़ का निवेश

एफपीआई ने एक से चार नवंबर के बीच भारतीय इक्विटी बाजारों में 15,280 करोड़ रुपये का निवेश किया।

एफपीआई- India TV Paisa Image Source : FILE एफपीआई

विदेशी निवेशक भारतीय शेयर मार्केट की तेजी के एक बार फिर दीवाने हो गए हैं। दरअसल, वैश्विक मंदी के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ने की खबर के बाद शेयर मार्केट में तेजी लौटी है। इस मौके को भुनाने के लिए विदेशी निवेशक भारतीय बाजार का रुख कर रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक, बीते दो महीनों तक भारतीय बाजारों से निकासी करने वाले विदेशी निवेशकों ने नवंबर के पहले हफ्ते यानी सिर्फ चार कारोबारी दिन में जोरदार वापसी करते हुए घरेलू इक्विटी बाजारों में 15,280 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की खरीद की है। विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की तरफ से नीतिगत दरों में वृद्धि को लेकर नरम रहने की उम्मीद में विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों में जमकर खरीदारी की। 

 उतार-चढ़ाव से भरा रह सकता कारोबार

कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का प्रवाह निकट समय में मौद्रिक सख्ती से जुड़े आघातों को देखते हुए उतार-चढ़ाव से भरा रह सकता है। इसके साथ ही भू-राजनीतिक स्थिति भी एक कारक बन सकती है। डिपॉजिटरी से मिले आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने एक से चार नवंबर के बीच भारतीय इक्विटी बाजारों में 15,280 करोड़ रुपये का निवेश किया। इसके पहले एफपीआई ने अक्टूबर में भारतीय बाजारों से आठ करोड़ रुपये और सितंबर में 7,624 करोड़ रुपये मूल्य की शुद्ध निकासी की थी। इसके पहले एफपीआई ने अगस्त में 51,200 करोड़ रुपये और जुलाई में करीब 5,000 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध खरीदारी की थी। 

 नौ माह तक एफपीआई बिकवाल बने हुए थे

उसके पहले के नौ महीनों तक एफपीआई लगातार बिकवाल बने हुए थे। इस तरह इस साल अब तक एफपीआई भारतीय बाजारों से कुल 1.53 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी कर चुके हैं। सैंक्टम वेल्थ के उत्पाद एवं समाधान सह-प्रमुख मनीष जेलोका ने कहा, "नवंबर के पहले हफ्ते में एफपीआई की तगड़ी मौजूदगी का कारण फेडरल रिजर्व की तरफ से नरमी दिखाने की उम्मीद रहा है।" जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, "अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल और डॉलर के मजबूत होने के समय में भी भारतीय बाजार में एफपीआई का खरीदारी करना एक महत्वपूर्ण पहलू है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था में एफपीआई के विश्वास को दर्शाता है।" 

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