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Hindi News पैसा बाजार मिड-कैप और स्मॉल-कैप ने रिटर्न देने में बड़ी कंपनियों के छुड़ाए पसीने, निवेशक हुए मालामाल

मिड-कैप और स्मॉल-कैप ने रिटर्न देने में बड़ी कंपनियों के छुड़ाए पसीने, निवेशक हुए मालामाल

मौजूदा पीई की पर्सेंटाइल रैंक से पता चलता है कि ऑटो, आईटी और टेक्नोलॉजी थोड़े ओवर-वैल्यूड हैं जबकि बैंक, एफएमसीजी और पूंजीगत वस्तुओं का वैल्यूएशन सही है।

मिड-कैप और स्मॉल-कैप- India TV Paisa Image Source : FILE मिड-कैप और स्मॉल-कैप

आमतौर पर बड़ी कंपनियों में निवेश की सलाह दी जाती है। इसकी वजह उनमें कम  उथल-पुथल और समय के साथ शानदार रिटर्न मिलना होता है। हालांकि, बदलते दौर में अब यह ट्रेड बदलता दिख रहा है। भारतीय शेयर बाजार के हालिया तेजी में मिड-कैप और स्मॉल-कैप कंपनियों का प्रदर्शन लार्ज-कैप यानी बड़ी कंपनियों के मुकाबले अच्छा रहा है। मार्केट एक्सपर्ट आनंद राठी वेल्थ लिमिटेड के फिरोज अजीज के अनुसार, चालू वित्तीय वर्ष में मिड कैप सूचकांक और स्मॉल कैप सूचकांक दोनों ने निफ्टी 50 से बेहतर प्रदर्शन किया है। निफ्टी 100 के लिए रिटर्न की एक साल की अपेक्षित दर 13.67 प्रतिशत है, जबकि निफ्टी मिड कैप 150 के लिए यह 12.45 प्रतिशत है और निफ्टी स्मॉल कैप 250 के लिए यह 20.80 प्रतिशत है।

इन सेक्टर के स्टॉक्स कर रहें शानदार प्रदर्शन 

उन्होंने कहा कि तेल एंव गैस, धातु (लौह और अलौह दोनों) और दूरसंचार क्षेत्र तिमाही आंकड़ों के आधार पर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। स्वास्थ्य सेवा, धातु और तेल एवं गैस को छोड़कर अधिकांश क्षेत्रों के लिए राज्सव वृद्धि सकारात्मक है। ऑटो, कैपिटल गुड्स और बैंक सेक्टर लीडर हैं। मौजूदा कमाई के पर्सेंटाइल रैंक के आधार पर बैंक, पावर और टेक ऑल-टाइम हाई पर हैं, जबकि हेल्थकेयर, आईटी और ड्यूरेबल्स में मंदी देखी गई है, हालांकि कमाई अच्छी बनी हुई है। 

इन सेक्टर के स्टॉक्स ओवर-वैल्यूड

मौजूदा पीई की पर्सेंटाइल रैंक से पता चलता है कि ऑटो, आईटी और टेक्नोलॉजी थोड़े ओवर-वैल्यूड हैं जबकि बैंक, एफएमसीजी और पूंजीगत वस्तुओं का वैल्यूएशन उचित है। यह दर्शाता है कि बेहतर वैल्यूएशन वाले कुछ क्षेत्रों में अभी भी कमाई है, जिसे पकड़ने की जरूरत है। वहीं विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) भारत वापस आ रहे हैं क्योंकि वार्षिक प्रक्षेपण द्वारा विकास के मामले में अर्थव्यवस्था बहुत अच्छा कर रही है। विश्लेषकों के अनुमान के अनुसार भारत 2023 में सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश होगा, जिसमें उद्योग 5.8 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। भारत 2027 तक दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था होगी। अन्य मैक्रो संकेतकों और उच्च आवृत्ति डेटा के संदर्भ में, इन अधिकांश आंकड़ों से पता चलता है कि भारत की अर्थव्यवस्था अच्छा कर रही है और सकारात्मक क्षेत्र में है।

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