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Hindi News पैसा फायदे की खबर अब RTO में टेस्ट दिए बिना भी बनेगा ड्राइविंग लाइसेंस, सरकार ने बनाया ये नया नियम

अब RTO में टेस्ट दिए बिना भी बनेगा ड्राइविंग लाइसेंस, सरकार ने बनाया ये नया नियम

अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आपको आरटीओ में जाकर ड्राइविंग टेस्ट देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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नयी दिल्ली। ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वालों के लिए सरकार ने बड़ी राहत की घोषणा की है। अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आपको आरटीओ में जाकर ड्राइविंग टेस्ट देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब आप मान्यता प्राप्त ड्राइविंग स्कूल से वाहन चलाना सीखकर और टेस्ट देकर ही लाइंसेस प्राप्त कर सकते हैं। रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने ड्राइविंग लाइसेंस के लिए नए रूल को नोटिफाइ कर दिया है। 

सरकार के नोटिफिकेशन के अनुसार इन केंद्रों पर उम्मीदवारों को उच्च गुणवत्ता का ड्राइविंग प्रशिक्षण एवं पढ़ाई कराई जायेगी। इनमें परीक्षण में सफल उम्मीदवार को ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करते समय फिर से ड्राइविंग टेस्ट नहीं देना होगा, उन्हें इससे छूट होगी। मंत्रालय ने कहा कि इन केंद्रों पर प्रशिक्षण की तमाम सुविधाओं के साथ ही ड्राइविंग परीक्षण ट्रैक होगा, जिससे अभ्यर्थियों को उच्च गुणवत्ता वाला प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा सकेगा। 

ये दो होंगे कोर्स 

मंत्रालय ने कहा कि मोटर वाहन कानून, 1988 के तहत इन केंद्रों पर ‘रेमिडियल’ और ‘रिफ्रेशर’ पाठ्यक्रम उपलब्ध कराए जाएंगे। मंत्रालय ने मान्यता प्राप्त चालक प्रशिक्षण केंद्रों के लिए अनिवार्य नियम अधिसूचित कर दिए हैं। ये नियम एक जुलाई, 2021 से लागू होंगे। इन केंद्रों पर दाखिला लेने वाले अभ्यार्थियों को पर्याप्त प्रशिक्षण और जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। इन केंद्रों पर होने वाली परीक्षा को सफलापूर्वक पास करने वाले अभ्यर्थियों को क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) पर ड्राइविंग लाइसेंस के लिए होने वाला ड्राइविंग टेस्ट देने की जरूरत नहीं होगी। 

छोटे वाहनों के लिए 29 घंटे की ट्रेनिंग

मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि इस प्रकार के मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण केन्द्रों से वाहन चलाने का प्रशिक्षण पाने के बाद चालकों को ड्राइविंग लाइसेंस पाने में मदद मिलेगी। अधिसूचना के अनुसार मान्यता प्राप्त केंद्रों द्वारा दी गई मान्यता पांच साल के लिए लागू रहेगी और इसका नवीकरण किया जा सकेगा। हल्के मोटर वाहन चालक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की अवधि अधिकतम चार सप्ताह में 29 घंटे की होगी। पाठ्यक्रम को सिद्धांत और प्रायोगिक दो श्रेणियों में बांटा जाएगा। मध्यम और भारी मोटर वाहनों के लिए पाठ्यक्रम की अवधि छह सप्ताह में 38 घंटे की होगी। 

सड़क पर बेहतर व्यवहार और अनुशासन की ट्रेनिंग 

चालकों को सड़क पर दूसरे वाहन चालकों के साथ बेहतर व्यवहार और अनुशासन के बारे में जरूरी बातें भी पढ़ाई जायेंगी। इंडियन फाउंडेशन आफ ट्रांसपोर्ट रिसर्च एण्ड ट्रेनिक (आईएफटीआरटी) के वरिष्ठ फैलों एवं समन्वयन एस पी सिंह ने एक वक्तव्य जारी कर नियमों को अधिवसूचित किये जाने का स्वागत किया है। 

न्यूनतम योग्यता की शर्त हटी

हालांकि, सिंह ने कहा कि अधिसूचित नियमों में चालकों के लिये न्यूनतम शिक्षा योग्यता को छोड़ दिया गया है। यह आठवीं पास थी। उन्होंने कहा इसके लिये न्यूनतम शैक्षिणिक योग्यता 12वी पास कर देनी चाहिये। देश में लाखों शिक्षित बेरोजगार है। सड़क परिवहन क्षेत्र में वाहन सुरक्षित ढंग से चलाये जायें इसके लिये शिक्षित और कुशल चालकों की आवश्यकता है।

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