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Hindi News धर्म चाणक्य नीति Chanakya Niti: इन 4 हालातों में बहादुरी दिखाना है मूर्खता, यहां से भाग निकलने में ही है भलाई; चाणक्य ने अपनी नीति में बताई ये बात

Chanakya Niti: इन 4 हालातों में बहादुरी दिखाना है मूर्खता, यहां से भाग निकलने में ही है भलाई; चाणक्य ने अपनी नीति में बताई ये बात

चाणक्य ने अपनी बुद्धिमता और ज्ञान के दम पर महान नीतियों का आविष्कार किया जिसे चाणक्य नीति कहते हैं। चाणक्य ने कुछ जगह हिम्मत दिखाने के बजाय वहां से तुंरत भाग जाने को ज्यादा बेहतर बताया है। आइए जानते हैं चाणक्य ने अपनी नीति में वो कौन सी परिस्थितियां बताई हैं जहां से तुरंत हट जाना चाहिए।

Chanakya Niti- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Chanakya Niti

Chanakya Niti: चाणक्य इतिहास का एक ऐसा नाम है जो आज हमारे बीच भले ही उपस्थित नहीं हैं। परंतु उनका नाम और उनकी नीति आज भी लोगों द्वारा अपनाई जाती है। विद्वान ब्राह्मण, चेहरे पर अलग सा तेज, चौड़ा ललाट और नीति शास्त्र के पारंगत आचार्य चाणक्य एक महान दार्शनिक गुरु और कूटनितिज्ञ थे। उन्होंने अपने जीवन में कई उपलब्धियां हासिल की यहां तक की हैं उन्होंने पूरे मौर्य वंश की स्थापना भी की है।

आज हम आचार्य चाणक्य की एक नीति के बारे में आपको बताने जा रहे हैं जिसमें उन्होंने कहां है कि विपरीत परिस्थितियों  में हिम्मत दिखाने से बहतर है कि वहां से बच कर निकल जाना ही बुद्धिमता है। नहीं तो आप उस परिस्थिति में बुरा फंस सकते हैं। आइए जानते हैं वो कौन सी परिस्थितियां हैं जिससे चाणक्य ने डंट कर सामना करने की वजाए वहां से भाग जाना बेहतर विक्लप बताया है।

आचार्य चाणक्य की नीति इस प्रकार से

उपसर्गेऽन्यचक्रे च दुर्भिक्षे च भयावहे।
असाधुजनसंपर्के य: पलायति स जीवति।।

लड़ाई-झगड़ा

जिस जगह अचानक से लोग आपस में एक दूसरे से लड़ाई या हाथापाई करने लग जाएं वहां से शीघ्र हट जाना चाहिए। अगर वहां आप खड़े रहेंगे तो उस लड़ाई-झगड़े का शिकार गुस्साए हुए लोगों द्वारा आप भी बन सकते हैं। वहां हिम्मत दिखाना मूर्खता होती है। इसलिए बहतर है वहां से जितना जल्दी हो सके तुरंत निकल जाएं।

जब अर्थव्यवस्था डगमगा जाए

जिस जगह आप रहते हैं यदि वहां की आर्थिक स्थिति कमजोर पड़ जाए। खाने-पीने की सामग्रियां दो गुनी मंहगी मिलने लगे। जिस जगह लोग पाई-पाई के मोहताज हो जाएं, सारे सुख-संसाधन खत्म हो जाएं और लोग भूख-प्यास से तड़पने के लिए मोहताज हो जाएं उस जगह को तुरंत त्याग दें और वहां से तुरंत चले जाएं नहीं तो पूरे परिवार समेत आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

जब शत्रु हमला कर दे

चाणक्य कहते हैं उस जगह को तुरंत छोड़ दें जहां दूसरे देश का राजा आपके देश से बदला लेने की भावना बना ले और आप पर आक्रमण कर दे। तो ऐसी विषम स्थिति में वहां से तुरंत निकल जाना ही बहतर है। अगर आपका शत्रु अचानक से आपको नुकसान पहुंचाए तो वहां उससे लड़ना महानता नहीं है। क्योंकि कोई भी शत्रु पूरी रणनीति से हमला करता है और तत्काल स्थिति में आप उससे निपटने के लिए तैयार नहीं रहते हैं तो ऐसी जगह को तुरंत छोड़ देना चाहिए।

चोर-डकेत से दूर रहना उचित

आचार्य चाणक्य अंतिम बात में जो सलह देते हैं वह यह है कि चोरों और डकेतों से मित्रता नहीं रखनी चाहिए। इनकी दोस्ती आपको भारी नुकसान पहुंचा सकती है, क्योंकि इनके साथ रहने पर आपका मान-सम्मान नष्ट होगा और इनको दंड मिलने के साथ ही साथ उसके भोगी आप भी बन सकते हैं। तो ऐसे लोगों का साथ या जहां ऐसे लोग रहते हैं उस जगह को तुरंत त्याग देना चाहिए।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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