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Hindi News धर्म त्योहार Navratri 7th Day Maa Kalratri: मां काली की जीभ मुख से बाहर क्यों है? आइये जानते हैं इसका कारण

Navratri 7th Day Maa Kalratri: मां काली की जीभ मुख से बाहर क्यों है? आइये जानते हैं इसका कारण

देवी दुर्गा का सबसे शक्तिशाली रूप मां काली का है। नवरात्रि के सातवें दिन आज हम मां काली के मुख से जीभ बाहर निकलने के पीछा का कारण एक पौराणिक कथा के अनुसार बताने जा रहे हैं।

Maa Kali- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Maa Kali

Navratri 2023 Maa kali: आज शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन है। आज मां कालरात्रि देवी की पूजा करने का विधान है। देवी मां के भक्त मां काली के रूप में उनको पूजते हैं। मां काली से बड़े-बडे राक्षस भी कांप उठते थे। देवी मां के इस अवतार का उद्देश सृष्टि पर दानवों के बड़ रहे अत्याचारों के अंत करने के लिए हुआ था। मान्यता है कि जो भी भक्त मां काली की सच्चे मन से उपासना करता है। उस पर शत्रु बाधा हावी नहीं होती है।

हम सब देवी मां काली की प्रतिमा को जब भी देखते हैं तो हमारे मन में एक प्रशन्न उत्पन्न होता है कि, मां काली की जीभ उनकी हर प्रतिमा में बाहर की ओर मुख से क्यों निकली रहती है। इसके पीछे एक पौराणिक कथा है जिसे आज हम आपको बताने जा रहे हैं।

इस कारण मां काली ने निकाली मुख से जीभ बाहर

हिंदू धर्म ग्रंथ की पौराणिक कथा के अनुसार रक्तबीज और देवताओं के मध्य युद्ध चल रहा था। उस युद्ध में देवताओं द्वारा रक्तबीज पर प्रहार करने से उसके शरीर से खून धरती पर गिरने लगा। रक्तबीज असुर के शरीर से जहां-जहां खून गिरता गया वहां-वहां कई सारे दैत्य पैदा हो गए। असुर रक्तबीज को ऐसे में हराना कठिन होता गया और वह देवताओं के लिए चुनौती बन गई। देवता भगवान शिव के पास पहुंचे और अपनी परेशानी बताते हुए उनसे प्रार्थना करते हुए इसका उपाय मांगा। तब भगवान शिव ने मां पार्वती से रक्तबीज का संहार करने के लिए विनती की। उसके पश्चात मां पार्वती ने मां काली का विकराल  रूप धारण कर असुर रक्तबीज का संहार किया। संहार करने से पहले रक्तबीज घायल हो गया और उसके शरीर से खून जैसे ही धरती पर गिरने वाला ही था, उसे मां काली ने उसी क्षण अपने खप्पर में एकत्रित कर लिया। मां काली ने जगत कल्याण के लिए उस रक्त को पी लिया। इसके बाद मां काली के क्रोध ने विशाल रूप ले लिया। उनके क्रोध को शांत करने के लिए भगवान शिव उनके चरणों में लेट गए। जैसे ही भगवान शिव के सीने पर मां काली के चरण स्पर्श हुए तो उनको अपने क्रोध पर गिलानी हुई और शिव जी पर अपने पांव देख उन्होंने संकोचित मन से जीभ को बाहर निकाल दिया।   

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। । इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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