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बेलपत्र से जुड़ी ये गलतियां भूलकर भी न करें, वरना शिव जी प्रसन्न की जगह हो जाएंगे नाराज

Bel Patra Significance: हिंदू धर्म में बेल के पेड़ का खास महत्व है। बेल के पत्ते से ही शिवजी की पूजा की जाती है। ऐसे में हर शिव भक्त को बेलपत्र से जुड़े इन नियमों का जान लेना चाहिए। नहीं तो आपकी एक गलती महादेव को नाराज कर सकती है।

शिवलिंग पर बेल पत्र अर्पित करने के नियम- India TV Hindi Image Source : INDIA TV शिवलिंग पर बेल पत्र अर्पित करने के नियम

Bel Patra Rules: बेलपत्र का पत्ता शिवजी को अत्यंत प्रिय है। एक भोलेनाथ ही हैं जो दो बेलपत्र और एक लोटा जल में भी प्रसन्न हो जाते हैं। महादेव की पूजा में भक्त कई चीजें अर्पित करते हैं लेकिन बेलपत्र के बिना उनकी उपासना अधूरी मानी जाती है। हिंदू धर्म में बेल के पेड़ का विशेष महत्व बताया गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बेल के पेड़ में भगवान भोलेनाथ, माता पार्वती और मां लक्ष्मी के अलावा कई देवी-देवताओं का वास रहता है। तो आइए जानते हैं बेल पत्र से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों के बारे में। 

बेलपत्र से जुड़ी ये गलतियां भूलकर भी न करें

  1. शिवजी को बेलपत्र काफी प्रिय है लेकिन इसके बावजूद भी इसके पत्ते सोमवार के दिन नहीं तोड़ना चाहिए। अगर आप सोमवार की पूजा के लिए बेलपत्र रखना चाह रहे हैं तो एक दिन पहले ही बेलपत्र तोड़कर रख लें।
  2. अगर आपके पास बेलपत्र अधिक नहीं हैं तो आप एक ही बेलपत्र को पानी से धोकर बार-बार चढ़ा सकते हैं।
  3. शिवलिंग पर बेलपत्र को चुनते समय ध्यान रखें कि पत्ता कहीं से भी कटा-फटा न हो और न ही उस पर अधिक धारियां हो।
  4. मान्यताओं के मुताबिक, चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी, अमावस्या और संक्रांति के दिन बेलपत्र तोड़ने की मनाही होती है।
  5. सोमवार के साथ ही चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी, अमावस्या और संक्रांति के दिन भी बेल पत्र नहीं तोड़ना चाहिए।
  6. कहते हैं कि बेल के पेड़ को कभी नहीं काटना चाहिए, क्योंकि इससे व्यक्ति के जीवन में कई तरह की परेशानियां आ जाती हैं।

शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने का सही नियम क्या है?

शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करने से महादेव प्रसन्न होते हैं। शिवलिंग पर 3 से लेकर 11 बेलपत्र चढ़ाना शुभ माना जाता है लेकिन आप इससे अधिक बेल पत्र भी चढ़ा सकते हैं। वहीं शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते समय ध्यान रखें कि पत्ते का चिकना भाग शिवलिंग पर रहे। साथ ही शिवजी को कटा-फटा बेलपत्र भी नहीं चढ़ाना चाहिए। जिस बेलपत्र पर धारियां हो उसे भी शिवलिंग पर नहीं अर्पित किया जाता है।

कब से शुरू हो रहा सावन 2023

इस साल सावन माह 4 जुलाई से शुरू हो रहा है जो कि 31 अगस्त 2023 तक रहेगा। सावन में भोलेनाथ की पूजा का विधान है। इस महीने में जो भी व्यक्ति सच्चे दिल से शिवजी की पूजा करता है उसे शुभ फलों की प्राप्ति होती है। वहीं शीघ्र मनोकामना पूर्ति के लिए सावन में सोमवार का व्रत और महादेव की विधिवत पूजा जरूर करें। आपको बता दें कि सावन का पहला सोमवार का व्रत 10 जुलाई 2023 को रखा जाएगा।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। इंडियाटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।) 

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