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Hindi News धर्म वास्तु टिप्स घर के मुखिया से जुड़ी होती है पूर्व दिशा, जानें वास्तु शास्त्र में क्यों है इसका खास महत्व

घर के मुखिया से जुड़ी होती है पूर्व दिशा, जानें वास्तु शास्त्र में क्यों है इसका खास महत्व

पूर्व दिशा का महत्व: पूर्व की दिशा को सूर्य देव की दिशा मानी जाती है। ऐसे में वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के लिए भी ये दिशा बेहद जरूरी हो जाती है।

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वास्तु शास्त्र में कल हमने बात की थी उत्तर-पूर्व व पश्चिम दिशा के फर्श के बारे में और आज हम बात करेंगे पूर्व और दक्षिण-पूर्व दिशा में फर्श के रंग के बारे
में। लेकिन, इससे पहले पूर्व की दिशा के बारे में जान लेते हैं। दरअसल ये दिशा हर उस व्यक्ति के लिए जरूरी है जो जीवन में आगे बढ़ना चाहता है। साथ ही ये बाकी सभी दिशाओं में ज्यादा खास माना जाता है इसलिए इस दिशा का असर परिवार के लोगों पर भी देखा जा सकता है। इसलिए आइए हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट आचार्य इंदु प्रकाश से जानते हैं वास्तु शास्त्र के अनुसार इस दिशा में फर्श के लिए किन रंग का चुनाव करें।

वास्तु शास्त्र में पूर्व दिशा का महत्व

वास्तु शास्त्र में पूर्व दिशा का बहुत महत्व है। यदि इस दिशा में वास्तु शास्त्र का सही ख्याल रखा जाये तो घर के सदस्यों पर और खासकर कि घर के मुखिया पर इसका अच्छा असर होता है।

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सूर्य देव को समर्पित है ये दिशा 

इन्द्र देव के साथ सूर्य देव की कृपा भी आप पर बनी रहती है क्योंकि पूर्व दिशा सूर्य देव को समर्पित दिशा है।इन दोनों दिशाओं के ठीक होने पर समाज में मान-सम्मान बना रहता है और घर में खुशहाली आती है।

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पूर्व दिशा में लगाएं इस रंग का पत्थर

वास्तु शास्त्र के अनुसार इस दिशा में फर्श के लिये गहरे हरे रंग के पत्थर का चुनाव करना चाहिए. वहीं अगर घर की दक्षिण-पूर्व दिशा की बात करें तो यह दिशा स्वयं सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी की मानी जाती है। इस दिशा में बैंगनी रंग के फर्श का होना शुभ माना जाता है। 

(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं)