भारतीय टीम के ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए जब कुछ दिन पहले वनडे और टी20 सीरीज स्क्वाड का ऐलान किया गया तो उसमें वनडे टीम में ध्रुव जुरेल को दूसरे विकेटकीपर के तौर पर जगह मिली, जिसमें संजू सैमसन को नजरअंदाज किए जाने का चयनकर्ताओं का ये फैसला बिल्कुल ही सभी की समझ से परे था। संजू सैमसन ने साल 2015 में पहली बार इंटरनेशनल क्रिकेट में अपना मुकाबला खेला था, जिसके बाद से अब तक वह वनडे और टी20 दोनों में मिलाकर सिर्फ 50 से अधिक मुकाबले ही खेलने में कामयाब हो सके हैं। ऐसे में अब संजू सैमसन का भी बयान सामने आया है, जिसमें उनका दर्द साफतौर पर देखने को मिला है।
टीम अगर चाहती है कि 9वें नंबर पर बैटिंग करूं तो वो भी करने के लिए तैयार
संजू सैमसन ने सीएट क्रिकेट रेटिंग अवॉर्ड्स 2025 में कुछ दिन पहले गए थे, जहां पर उनसे लगातार बैटिंग ऑर्डर बदले जाने को लेकर जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जब आप भारतीय टीम की जर्सी में होते हैं तो फिर किसी भी चीज के लिए आप मना नहीं कर सकते हैं। इस जर्सी को पहनने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है। उस ड्रेसिंग रूम का हिस्सा बने रहने और देश के लिए खेलने में गर्व महसूस होता है। अगर टीम चाहते है कि आप 9वें नंबर पर बल्लेबाजी करें तो आपको करने के लिए तैयार रहना होगा या फिर बाएं हाथ से गेंदबाजी ही क्यों ना करनी पड़ी। ये सब करने में मुझे काफी खुशी होगी।
10 साल हो गए और 40 के करीब ही मैच खेले
इस इवेंट में संजू सैमसन से जब उनके टीम इंडिया से अंदर और बाहर होने को लेकर सवाल पूछा गया तो उनका दर्द जवाब के जरिए साफतौर पर देखने को मिला। संजू सैमसन ने कहा कि टीम इंडिया के लिए खेलते हुए मुझे करीब 10 साल हो गए हैं और इस दौरान मैं सिर्फ 40 के आसपास ही मैच खेलने में कामयाब हो सका हूं। लेकिन सच कहूं तो इस मैच नंबर से आप पूरी कहानी का अंदाजा नहीं लगा सकते हैं। मैंने 19 साल की उम्र से खेलना शुरू किया था और अभी भी खेल रहा हूं। ऐसे में बाहर लोग क्या कहते हैं इसको लेकर मैं अधिक ध्यान नहीं देता हूं।
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