10 अक्टूबर से भारत और वेस्टइंडीज के बीच टेस्ट सीरीज का दूसरा मैच खेला जाएगा। दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में खेले जाने वाले इस मैच में वेस्टइंडीज के पास 31 साल के सूखे को खत्म करने का मौका होगा। दरअसल वेस्टइंडीज ने भारतीय सरजमीं पर आखिरी बार टेस्ट मैच 1994 में जीता था। उस वक्त वेस्टइंडीज के कप्तान कर्टनी वाल्श थे। वाल्श की कप्तानी में वेस्टइंडीज ने उस मैच में भारत को 243 रनों से हराया था।
वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों और गेंदबाजों ने दिखाया था शानदार खेल
मोहाली में खेले गए उस टेस्ट मैच में वेस्टइंडीज ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था। पहले बल्लेबाजी करते हुए वेस्टइंडीज ने पहली पारी में 443 रन बनाए थे। जवाब में भारतीय टीम भी पहली पारी में 387 रन बनाने में रही। वेस्टइंडीज को पहली पारी के आधार पर 56 रन की बढ़त मिली थी। इसके बाद वेस्टइंडीज ने दूसरी पारी में 3 विकेट के नुकसान पर 301 रन बनाकर अपनी पारी घोषित कर दी और भारत के सामने 357 रन का टारगेट रखा था। भारतीय टीम दूसरी पारी में 114 रन बनाकर ऑलआउट हो गई थी और इस तरह से वेस्टइंडीज ने उस मैच को 243 रनों से अपने नाम किया।
सचिन तेंदुलकर दोनों पारियों में रहे थे फ्लॉप
1994 में खेले गए इस टेस्ट मैच में सचिन तेंदुलकर भी प्लेइंग XI का हिस्सा थे और उस वक्त मोहम्मद अजहरुद्दीन टीम इंडिया के कप्तान थे। सचिन उस मैच की दोनों पारियों में बड़ा स्कोर बनाने में कामयाब नहीं हो सके थे। उस टेस्ट मैच की पहली पारी में सचिन ने 55 गेंदों में 40 रन की पारी खेली थी और इस दौरान उन्होंने 9 चौके लगाए थे। वहीं दूसरी पारी में सचिन ने 24 गेंदों में 10 रन बनाए थे। भारत की तरफ से उस मैच में एकमात्र शतक मनोज प्रभाकर के बल्ले से आया था। उन्होंने पहली पारी में 275 गेंदों में 120 रन बनाए थे।
अनिल कुंबले ने अपने नाम किए थे चार विकेट
गेंदबाजी की बात करें तो वहां भारत के लिए पहली पारी में अनिल कुंबले 4 विकेट हॉल लेने में कामयाब रहे थे। वहीं वेंकटपथी राजू ने पहली पारी में 3 और जवागल श्रीनाथ ने पहली पारी में दो विकेट लिए थे। इसके अलावा आशीष कपूर ने एक विकेट अपने नाम किया था। वहीं दूसरी पारी में भारत के गेंदबाज सिर्फ तीन विकेट ले पाए थे। दूसरी पारी में वेंकटपथी राजू ने दो विकेट लिए थे।
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