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Hindi News वायरल न्‍यूज Russian लोगों ने हिंदू रीति रिवाज से की राहु-केतु की पूजा, मंदिर में लगाया भोग, देखें ये वायरल Video

Russian लोगों ने हिंदू रीति रिवाज से की राहु-केतु की पूजा, मंदिर में लगाया भोग, देखें ये वायरल Video

रूसी पर्यटकों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें वे एक मंदिर में पूरे विधि विधान के अनुसार राहु-केतु की पूजा कराते हुए नजर आ रहे हैं।

मंदिर में पूजा करते...- India TV Hindi Image Source : SOCIAL MEDIA मंदिर में पूजा करते रूसी पर्यटक।

कहते हैं कि अगर आपके कुंडली में राहु-केतु नाराज बैठे हैं तो आपका जीवन बर्बाद हो सकता है। ऐसी मान्यता है कि अगर कुंडली में इन दोनों ग्रहों की स्‍थ‍ित‍ि ठीक नहीं है, तो जीवन में हमेशा दुख और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इससे आपके परिवार पर भी काफी बुरा असर पड़ता है। इसलिए राहु केतु को प्रसन्न करने के लिए लोग उनकी पूजा कराते हैं। राहु-केतु की पूजा भारतीय परंपराओं और हिंदू रीति रिवाज से होती है। लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में अनोखा नजारा देखने को मिला। वीडियो में 30 रूसी पर्यटक राहु-केतु की पूजा कराते हुए नजर आए। साथ में विधि विधान का पालन करते हुए भगवान को भोग भी लगाया।     

पूजा कराते विदेशी पर्यटकों का वीडियो वायरल

वीडियो को समाचार एजेंसी ANI ने अपने एक्स हैंडल से शेयर किया है। जिसमें बताया गया है कि सभी रूसी पर्यटक एक दिन पहले ही मंदिर पर‍िसर पहुंच गए थे। पर्यटकों ने मंदिर में मौजूद पुरोहितों से इस पूजा के बारे में जाना और फिर पूरे विधि‍ विधान से राहु-केतु का पूजा करवाया। वीडियो में रूसी पर्यटक भारतीय वेषभूषा में नजर आ रहे हैं और साथ में मंत्रोच्चार भी चल रहा है। सभी पर्यटक ग्रहों की शांती के लिए पूजा करवा रहे हैं। 

Image Source : Social Mediaमंदिर में पूजा करते रूसी पर्यटक।

शांत‍ि पाठ कराने से दूर हो जाती हैं तकलीफें

राहु-केतु की शांति के लिए पूजा श्रीकालाहस्ती मंदिर में होती है। यह मंदिर भगवान शिव का मंदिर है जो आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के पास श्रीकालाहस्ती नाम के जगह पर मौजूद है। श्रीकालाहस्ती मंदिर तिरुपति से 36 किलोमीटर दूर है। यह मंदिर राहु-केतु की शांत‍ि पूजा के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। पूरी दुनिया से लोग राहु-केतु की शांती के लिए पूजा करवाने यहां पर आते हैं। इस जगह को दक्षिण का कैलाश और काशी भी कहा जाता है। भगवान शिव के तीर्थस्थानों में इस स्थान का विशेष महत्व है। यहां मौजूद श‍िवल‍िंग को वायु तत्त्व लिंग माना जाता है, इसल‍िए पुजारी भी इसे छू नहीं सकते। लोगों के अनुसार, अगर कोई यहां आकर शांत‍ि पाठ करा ले तो उसकी तकलीफें दूर हो जाती हैं।

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