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Hindi News विदेश अन्य देश गाजा में अलजजीरा के पत्रकार ने कैमरे में कैद की अपनी ही मौत की आखिरी तस्वीर, इजरायली हमले में मारा गया

गाजा में अलजजीरा के पत्रकार ने कैमरे में कैद की अपनी ही मौत की आखिरी तस्वीर, इजरायली हमले में मारा गया

इजरायल-हमास युद्ध के बीच एक पत्रकार की दर्दनाक मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि अलजजीरा के दो पत्रकार दक्षिणी गाजा में कवरेज की लिए मौजूद थे। वहां एक हमला हुआ था। इसी दौरान स्कूल पर इजरायल ने एक और ड्रोन हमला कर दिया। इसमें अलजजीरा का कैमरामैन मलबे में दब गया। जबकि रिपोर्टर घायल होकर बच निकला। कैमरामैन की मौत हो गई।

इजरायली हमले में मारा गया अलजजीरा का कैमरामैन समीर अबू दक्का। (फाइल)- India TV Hindi Image Source : AP इजरायली हमले में मारा गया अलजजीरा का कैमरामैन समीर अबू दक्का। (फाइल)
इजरायल-हमास युद्ध में दिल दहला देने वाली खबर सामने आ रही है। दक्षिणी गाजा के एक स्कूल पर इजरायल के भीषण ड्रोन हमले में अलजजीरा के एक पत्रकार की मौत हो गई है। जबकि उसका साथी रिपोर्टर गंभीर रूप से घायल हो गया है। हमले के वक्त दोनों स्कूल के पास ही मौजूद थे। मरने से पहले रिपोर्टर ने अपनी ही मौत की आखिरी तस्वीर कैमरे में कैद की। रिपोर्ट के अनुसार घायल कैमरामैन मलबे में दब गया था। वह घंटों तक मदद के लिए तड़पता रहा। मगर समय पर कोई मदद नहीं मिलने और खून अधिक रिस जाने से उसकी मौत हो गई। 
 
दक्षिणी गाजा में इजरायली ने शुक्रवार को एक स्कूल पर यह हमला किया था। इस हमले में टीवी नेटवर्क ‘अल जजीरा’ के फिलस्तीनी कैमरामैन की मौत हो गई। हमले के दौरान गाजा में कार्यरत उसका मुख्य संवाददाता घायल हो गया। टीवी नेटवर्क ने यह जानकारी दी। नेटवर्क ने बताया कि कैमरामैन समीर अबू दक्का और संवाददाता वाएल दहदौह दक्षिणी शहर खान यूनिस के एक स्कूल में हमला होने के बाद वहां गए थे और जब वे स्कूल पहुंचे तो वहां इजराइली ड्रोन से एक और हमला किया गया, जिसमें अबू दक्का और दहदौह गंभीर रूप से घायल हो गए। बाद में अबू दक्का की मौत हो गई।
 

अपने साथी को बचाने के लिए चीखता रहा रिपोर्टर, नहीं मिली मदद

अपने साथी कैमरामैन की जान बचाने के लिए उसका सहयोगी रिपोर्टर मदद के लिए चीखता रहा। मगर कोई भी आगे नहीं आया। बताया जा रहा है कि अस्पताल में भर्ती घायल रिपोर्टर दहदौह ने ‘अल जजीरा’ को बताया कि वह खून से लथपथ अवस्था में स्कूल से बाहर निकलने में सफल रहा, जहां कई एंबुलेंस कर्मी खड़े थे। दहदौह ने कहा कि उन्होंने एंबुलेंस कर्मियों से अबू दक्का को बाहर लाने को कहा, लेकिन उन्होंने कहा कि इसमें बहुत जोखिम है और उन्होंने वादा किया कि उसके लिए एक और एंबुलेंस आएगी। दहदौह ने कहा, ‘‘वह चीख रहा था और मदद की गुहार लगा रहा था। 

मदद पहुंचने से पहले हो गई कैमरामैन की मौत

अल जजीरा ने बताया कि समय पर उसके कैमरामैन तक मदद नहीं पहुंच पाई थी। बाद में शाम को एक एंबुलेंस ने अबू दक्का को निकालने के लिए स्कूल पहुंचने की कोशिश की, लेकिन ध्वस्त मकानों के मलबे के कारण सड़कें अवरुद्ध होने की वजह से उसे लौटना पड़ा। नेटवर्क ने बयान में कहा कि अबू दक्का का खून कई घंटे बहता रहा और शुक्रवार शाम को एक असैन्य सुरक्षा दल ने उन्हें मृत पाया। ‘कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट’ के अनुसार, सात अक्टूबर को हमास और इजराइल के बीच संघर्ष शुरू होने के बाद से 64 पत्रकारों की मौत हो चुकी है, जिनमें 57 फिलस्तीनी, 4 इजराइली और 3 लेबनानी पत्रकार शामिल हैं। (एपी)

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