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Food Crisis: दुनिया में पड़े खाने के लाले, संयुक्त राष्ट्र ने दी चेतावनी; जानें क्या है असली वजह

Food Crisis: संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि वैश्विक खाद्य संकट के कारण विश्व ‘तबाही’ का सामना कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि यूक्रेन युद्ध, जलवायु परिवर्तन, कोरोना वायरस महामारी और असमानता के कारण उत्पन्न व्यवधानों में ‘अभूतपूर्व वैश्विक खाद्यान्न संकट’ को और बढ़ाया है।

Antonio Gutares- India TV Hindi Image Source : PTI Antonio Gutares

Highlights

  • UN प्रेसीडेंट ने चेताया, कहा बहुत जल्द पूरी दुनिया में फैलेगी भूखमरी
  • कोई भी देश इस तबाही से अछूता नहीं रहेगा
  • 2022 में अकाल और 2023 इससे भी बुरा होगा

Food Crisis: संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने शुक्रवार को चेतावनी देते हुए कहा कि वैश्विक खाद्य संकट के कारण विश्व ‘तबाही’ का सामना कर रहा है। एंतोनियो ने इसका कारण यूक्रेन युद्ध, जलवायु परिवर्तन, कोरोना वायरस महामारी और असमानता को बताया। उन्होंने कहा कि ये सभी प्रमुख कारण हैं जो वैश्विक खाद्यान्न संकट को बढ़ा रहे हैं। खाद्य संकट की वजह से पहले से ही कई देश भूखमरी के चपेट में हैं। वहां के लाकों लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं। 

2022 में पड़ेगा आकाल और 2023 इससे भी बुरा होगा

एंतोनियो गुतारेस बर्लिन में दर्जनों अमीर और विकासशील देशों के अधिकारियों को वीडियो संदेश के जरिए कहा कि यह वास्तविक जोखिम है कि 2022 में कई अकाल घोषित किए जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि 2023 और भी बुरा हो सकता है। गुतारेस ने कहा कि पूरे एशिया, अफ्रीका और अमेरिका में फसल को नुकसान होगा, क्योंकि दुनिया भर के किसान बढ़ती उर्वरक और ऊर्जा की कीमतों से निपटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

इस भूखमरी से कोई भी देश नहीं बचेगा

इस साल भोजन तक पहुंच का मुद्दा अगले साल की वैश्विक खाद्य कमी बन सकता है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि कोई भी देश इस तरह की तबाही के सामाजिक और आर्थिक नतीजों से अछूता नहीं रहेगा। गुतारेस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के वार्ताकार एक ऐसे सौदे पर काम कर रहे हैं, जिससे यूक्रेन को काला सागर सहित विभिन्न मार्गों से खाद्य निर्यात करने में सक्षम बनाया जाएगा और रूस को बिना किसी प्रतिबंध के विश्व बाजारों में खाद्य और उर्वरक उतारने देगा।

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने बताएं विकल्प

गरीब देशों को अपनी अर्थव्यवस्थाओं को बचाए रखने में मदद करने के लिए तथा निजी क्षेत्र के लिए वैश्विक खाद्य बाजारों को स्थिर करने में सहायता के वास्ते ऋण राहत का भी आह्वान किया। 

जर्मनी ने रूस के लगाए गए आरोपों का किया खंडन

मेजबान देश जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक ने कहा कि मॉस्को का यह दावा ‘पूरी तरह निराधार’ है कि यूक्रेन पर हमले के कारण रूस पर लगाए गए पश्चिमी देशों के प्रतिबंध खाद्य संकट की मुख्य वजह हैं। उन्होंने कहा कि रूस ने इस वर्ष मई और जून में जितना गेहूं निर्यात किया, उतना ही निर्यात पिछले वर्ष भी इसने किया था। बेयरबॉक ने गुतारेस की टिप्पणियों का समर्थन किया और कहा कि दुनिया भर में बढ़ते खाद्यान्न संकट के कई कारण हैं। लेकिन यूक्रेन पर रूसी हमले ने एक लहर को सुनामी में बदल दिया। 

अमेरिका का पक्ष

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने जोर देकर कहा कि रूस के पास विश्व बाजारों से महत्वपूर्ण वस्तुओं को वापस लेने का कोई बहाना नहीं है। उन्होंने कहा कि हमने रूस पर सामूहिक रूप से और कई अन्य देशों के साथ जो प्रतिबंध लगाए हैं, वे भोजन, खाद्य उत्पादों, उर्वरकों, बीमाकर्ताओं, जहाजों को छूट प्रदान करते हैं।

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