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इंडोनेशिया के रुआंग ज्वालामुखी में रह-रहकर हो रहा है विस्फोट, राख के बादल से पटा आसमान

इंडोनेशिया में स्थित रुआंग ज्वालामुखी सक्रिय नजर आ रहा है। ज्वालामुखी में पिछले कुछ दिनों से लगातार विस्फोट हो रहा है। फिलहाल एहतियात बरतते हुए 800 लोगों को सुरक्षित जगह तक पहुंचाया गया है।

इंडोनेशिया ज्लवामुखी विस्फोट (फाइल फोटो)- India TV Hindi Image Source : REUTERS इंडोनेशिया ज्लवामुखी विस्फोट (फाइल फोटो)

इंडोनेशिया में एक बार फिर ज्वालामुखी आग उगल रहा है। इस बार रुआंग ज्वालामुखी एक्टिव नजर आ रहा है। ज्वालामुखी में हो रही गतिविधियों के चलते एहतियाती कदम भी उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में इंडोनेशिया के उत्तरी सुलावेसी प्रांत में रुआंग ज्वालामुखी में हो रहे विस्फोटों के बाद कम से कम 800 लोगों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया गया है। ज्वालामुखी की वजह से पिछले कई दिनों से आसमान में लावा और राख के बादल छाए हुए हैं। प्रांतीय राजधानी मानदो से लगभग 100 किलोमीटर (62 मील) दूर रुआंग द्वीप पर स्थित ज्वालामुखी मंगलवार के बाद से अब तक तीन से अधिक बार फट चुका है।

 चेतावनी स्तर को बढ़ाया गया

ज्वालामुखी पर नजर रखने वाले इंडोनेशिया के एक अधिकारी हेरुनिंगत्यास देसी पूर्णमासारी ने रॉयटर्स को बताया कि अधिकारियों ने बढ़ती गतिविधि के बाद चेतावनी स्तर को दूसरे उच्चतम स्तर तक बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा, माउंट रुआंग का विस्फोट द्वीप पर हाल ही में आए भूकंपों के कारण हुआ था, जिसमें पहाड़ से आसमान में 1.8 किमी (1.1 मील) की ऊंचाई तक खतरनाक और "विस्फोटक गर्म बादल" नजर आ रहे थे।  उन्होंने कहा, "हमें द्वीप लोगों को बाहर निकालना होगा क्योंकि और विस्फोट भी हो सकते हैं। क्रेटर से चार किलोमीटर के भीतर किसी भी गतिविधि की अनुमति नहीं दी गई है।" उन्होंने कहा, रुआंग द्वीप लगभग 838 निवासियों का घर है, जिनमें से अधिकांश को अब निकटतम द्वीप टैगुलानडांग में ले जाया गया है।

बना हुआ है लावा का प्रवाह 

रॉयटर्स की ओर से देखे गए फ़ुटेज में दिख रहा है कि पहाड़ से नीचे की ओर लावा का प्रवाह निरंतर बना हुआ है ज्वालामुखी के क्रेटर के ऊपर भूरे राख के बादल उभरते हुए दिखाई दे रहे हैं। देखने वाली बाच यह भी है कि इंडोनेशिया "पैसिफिक रिंग ऑफ फायर" में फैला हुआ है, जो उच्च भूकंपीय गतिविधि का एक क्षेत्र है। यह क्षेत्र कई टेक्टोनिक प्लेटों के ऊपर स्थित है। इससे पहले साल 2023 के दिसंबर महीने में मरापी ज्वालामुखी में विस्फोट हुआ था जिसमें 11 पर्वतारोहियों की मौत हो गई थी। 

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