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Russia Online Network: रूस ने अपनी ऑनलाइन गतिविधियों पर नकेल कसी, वैश्विक इंटरनेट को खतरा

Russia Online Network: रूस अपने यहां ऑनलाइन नेटवर्क पर शिंकजा कस रहा है। इस कदम से रूस में फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर के साथ-साथ नयूज़ वेबसाइट की सेवाएं बंद हो जाएंगी।

Internet in Russia- India TV Hindi Image Source : AP Internet in Russia

Highlights

  • रूस ने अपने देश में इंटरनेट पर कई सेवाओं को सिमित किया
  • फेक न्यूज से निपटने के लिए रूस ने उठाया यह कदम
  • दुनिया के इंटरनेट पर इसका प्रभाव देखा जाएगा

Russia Online Network: फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से रूसी इंटरनेट उपयोगकर्ता डिजिटल नियंत्रण (डिजिटल आयरन कर्टेन) के बढ़ने का अनुभव कर रहे हैं। ‘डिजिटल आयरन कर्टेन’, सोशल मीडिया पर एक राजनीतिक, सैन्य और वैचारिक अवरोधक है जो किसी खास क्षेत्र या वर्ग से अलग कर देता है। रूसी प्राधिकारियों ने सभी प्रमुख विपक्षी समाचार साइट के साथ फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर तक पहुंच अवरुद्ध कर दी। फर्जी खबरों से निपटने के लिए नए कठोर कानूनों के तहत इंटरनेट उपयोगकर्ताओं ने यूक्रेन में रूस की कार्रवाई के बारे में कथित तौर पर ऑनलाइन भ्रामक सूचना फैलाने के लिए प्रशासनिक और आपराधिक आरोपों का सामना किया। 

रूस में VPN ब्लॉक

एअरबीएनबी से लेकर एप्पल तक प्रमुख पश्चिमी प्रौद्योगिकी कंपनियों ने रूस में अपनी गतिविधियों को सीमित कर दिया। कई रूसियों ने युद्ध के पहले सप्ताह में प्रतिबंधित साइट और सेवाओं तक पहुंच बनाने की कोशिश करने के लिए वर्चुअल निजी नेटवर्क सॉफ्टवेयर डाउनलोड किया। अप्रैल के अंत तक 23 प्रतिशत रूसी इंटरनेट उपयोगकर्ताओं ने अलग-अलग नियमितता के साथ वीपीएन का इस्तेमाल करने की सूचना दी थी। सरकारी मीडिया पर निगरानी रखने वाले रोस्कोमनाद्जोर लोगों को सरकार की सेंसरशिप का उल्लंघन करने से रोकने के लिए वीपीएन को ब्लॉक कर रही है और उसने जून 2022 में अपने प्रयास बढ़ा दिए। 

डिजिटल संप्रभुता के अग्रणी

रूस ने 1990 की शुरुआत से सूचना और दूरसंचार पर सरकारी संप्रभुता बरकरार रखने की पैरवी की थी। शीत युद्ध के बाद कमजोर पड़ गया रूस आर्थिक, प्रौद्योगिकी या सैन्य स्तर पर अमेरिका के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर सका। इसके बजाय रूसी नेताओं ने अमेरिका के बढ़ते वैश्विक प्रभाव को रोकने और रूस की महान शक्ति की स्थिति को बनाए रखने का आह्वान किया। साल 2000 में अपनी शक्तियों के फिर से उभरने को प्रदर्शित करने के लिए चीन की सेना के साथ रूस इंटरनेट संप्रभुत्ता के लिए वैश्विक आंदोलन की अगुवाई में शामिल हो गया। पुतिन के मार्च 2012 में राष्ट्रपति बनने के बाद क्रेमलिन ने रूसी साइबरस्पेस पर नियंत्रण करने पर अपना ध्यान लगाया। 

संप्रभु इंटरनेट कानून 

अप्रैल 2019 में रूसी प्राधिकारियों तथाकथित संप्रभु इंटरनेट कानून के साथ डिजिटल संप्रभुत्ता के लिए अपनी आकांक्षाओं को अन्य स्तर पर ले गयी। इस कानून ने व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं के दुरुपयोग और इंटरनेट समुदाय को अलग-थलग करने का द्वार खोल दिया। इस कानून के पारित होने पर पुतिन ने यह दलील देते हुए राष्ट्रीय डीएनएस पर स्पष्टीकरण दिया कि अगर आईसीएएनएन शत्रुतापूर्ण कार्रवाई करते हुए रूस को वैश्विक इंटरनेट से अलग कर देता है तो यह रूसी इंटरनेट को काम करने देगा। उल्लेखनीय है कि डीएनएस वैश्विक इंटरनेट कोर डेटाबेस है। 

वैश्विक इंटरनेट को विभाजित करना

रूस-यूक्रेन युद्ध ने वैश्विक इंटरनेट की अक्षुण्णता को रूसी कार्रवाई और पश्चिमी देशों में प्रौद्योगिकी कंपनियों के कदमों को कमतर कर दिया है। एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए सोशल मीडिया ने रूस की सरकारी मीडिया तक पहुंच को अवरुद्ध कर दिया। हालांकि, युद्ध क्षेत्र में इस पर लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती है लेकिन वैश्विक ‘इंटरकनेक्टिविटी’ एक ऐसी चीज हो गई है जो रूस-यूक्रेन युद्ध में दाव पर लगी गई है।

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