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Russia-Ukraine War: यूक्रेन पर भारत ने पुराना रुख दोहराया, प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन से फोन पर बात की

Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच प्रधानमंत्री ने एक बार फिर रूसी राष्ट्रपति से फोन पर बातचीत की है। इस चर्चा में दोनो नेताओं ने व्यापार और कई वैश्विक मामलों पर जोर दिया। पीएम मोदी ने एक बार फिर से पुतिन को सलाह दी कि यूक्रेन पर जंग का रास्ता छोड़कर बातचीत और कूटनीति के जरिए हल निकाला जाए।

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Highlights

  • पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से फोन पर की बात
  • यूक्रेन युद्ध को लेकर बोले- भारत हमेशा शांति के पक्ष में
  • जंग का असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा

Russia-Ukraine War: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बात की। इस दौरान उन्होंने यूक्रेन संकट को बातचीत और कूटनीति के जरिए सुलझाने को कहा। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के एक बयान में कहा गया कि टेलीफोन पर बातचीत के दौरान, दोनों नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा और खाद्य बाजारों की स्थिति सहित वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की। इसके मुताबिक, दोनों नेताओं ने दिसंबर 2021 में राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा के दौरान लिए गए निर्णयों के कार्यान्वयन की समीक्षा की। उन्होंने विशेष रूप से कृषि वस्तुओं, उर्वरकों और फार्मा उत्पादों में द्विपक्षीय व्यापार को कैसे और प्रोत्साहित किया जा सकता है, इस पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

यूक्रेन के मुद्दे पर भारत हमेशा शांति के पक्ष में

पीएमओ ने कहा कि यूक्रेन में मौजूदा स्थिति के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने वार्ता और कूटनीति के समर्थन में भारत के पुराने रुख को दोहराया। इसमें कहा गया कि दोनों नेताओं ने वैश्विक और द्विपक्षीय मुद्दों पर नियमित परामर्श जारी रखने पर भी सहमति व्यक्त की। पुतिन के साथ बातचीत के कुछ दिनों पहले मोदी ने यूक्रेन संकट के एक स्पष्ट संदर्भ में उल्लेख किया था कि जी -7 और जर्मनी में इसके शिखर सम्मेलन में आमंत्रित देश वैश्विक तनाव के माहौल के बीच मिल रहे हैं और जोर देकर कहा था कि भारत हमेशा शांति के पक्ष में रहा है।

रूस-यूक्रेन युद्ध का असर सभी देशों पर होगा

पीएम ने जी-7 शिखर सम्मेलन में अपनी टिप्पणी में कहा था, “मौजूदा हालात में भी हमने लगातार बातचीत और कूटनीति के रास्ते का आग्रह किया है। इस भू-राजनीतिक तनाव का असर सिर्फ यूरोप तक ही सीमित नहीं है। ऊर्जा और खाद्यान्न की बढ़ती कीमतें सभी देशों को प्रभावित कर रही हैं।” उन्होंने यह भी कहा था कि विकासशील देशों की ऊर्जा और सुरक्षा विशेष रूप से जोखिम में है। यूक्रेन में संघर्ष के बीच मोदी ने खाद्य सुरक्षा पर भी चिंता जताई थी।

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