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कश्मीर पर पाकिस्तानी राजदूत के बयान से भड़का अफगानिस्तान, आतंकवाद का समर्थन करने पर कह दी ये बड़ी बात

अफगानिस्तान ने कश्मीर को उसके यहां अमेरिका की अगुवाई में चल रही शांति प्रक्रिया से जोड़ने की पाकिस्तान की कोशिश को ‘धृष्ट, अवांछित और गैर जिम्मेदाराना’ करार दिया। साथ ही अफगानिस्तान ने अपने यहां लंबे समय तक हिंसा फैलाने के इस्लामाबाद के ‘नापाक इरादे’ की भी आलोचना की।

Afghnistan- India TV Hindi Image Source : TWITTER अफगानिस्तान ने लगाई पाकिस्तान को लताड़

वाशिंगटन/काबुल। अफगानिस्तान ने कश्मीर को उसके यहां अमेरिका की अगुवाई में चल रही शांति प्रक्रिया से जोड़ने की पाकिस्तान की कोशिश को ‘धृष्ट, अवांछित और गैर जिम्मेदाराना’ करार दिया। साथ ही अफगानिस्तान ने अपने यहां लंबे समय तक हिंसा फैलाने के इस्लामाबाद के ‘नापाक इरादे’ की भी आलोचना की।

अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत असद माजिद खान ने पिछले हफ्ते न्यूयार्क टाईम्स से कहा था कि ताजा भारत-पाक तनाव के बीच उनका देश अफगानिस्तान से लगती सीमा से लेकर कश्मीर तक सैनिकों की फिर से तैनाती कर सकता है। अखबार की खबर है कि इससे अमेरिका और तालिबान के बीच चल रही शांति वार्ता उलझ सकती है।

खान का बयान ऐसे वक्त में आया है जब भारत द्वारा अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को खत्म कर दिये जाने के बाद दोनों देशों के बीच फिर से तनाव बढ़ गया है। भारत के इस फैसले पर पाकिस्तान ने उसके साथ राजनयिक संबंध घटाते हुए अपने यहां से भारत के उच्चायुक्त को वापस भेज दिया।

पाकिस्तान के राजदूत के बयान को ‘गुमराह करने वाला बयान’ करार देते हुए अमेरिका में अफगानिस्तान की राजदूत रोया रहमानी ने कहा, ‘‘ अफगान शांति प्रयास को कश्मीर की उभरती स्थिति से जोड़ने वाले ऐसे कोई भी बयान घृष्ट, अवांछित एवं गैर जिम्मेदाराना हैं।’’

रविवार को वाशिंगटन स्थित अफगान दूतावास से जारी बयान में रहमानी ने कहा, ‘‘ अफगानिस्तान अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत असद माजिद खान के इस बयान पर दृढ़ता से प्रश्न खड़ा करता है कि कश्मीर के वर्तमान तनाव से अफगानिस्तान की शांति प्रकिया प्रभावित हो सकती है।’’

कश्मीर को भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मामला बताते हुए रहमानी ने कहा कि उनके देश का मानना है कि कश्मीर मुद्दे से अफगानिस्तान को जानबूझकर जोड़ने का पाकिस्तान का मकसद अफगान धरती पर जारी हिंसा को और बढ़ाना है। उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान को अफगानिस्तान की ओर से कोई खतरा नहीं है। अफगान सरकार को पाकिस्तान द्वारा अपनी पश्चिमी सीमा पर हजारों सैनिकों को तैनात करने का कोई विश्वसनीय कारण नजर नहीं आता।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उल्टा, अफगानिस्तान का स्थायित्व पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों के कारण अक्सर खतरे में पड़ जाता है।’’

रहमानी ने कहा कि उनके पाकिस्तानी समकक्ष का बयान उन सकारात्मक और रचनात्मक मुलाकात के ठीक विपरीत है जो अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी की हालिया यात्रा के दौरान उनके, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान तथा पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के बीच हुई थी। काबुल में अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने वहां जारी एक बयान में कहा कि कश्मीर की स्थिति को अफगानिस्तान की शांति प्रक्रिया से जोड़ने की पाकिस्तान की कोशिश अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया के संबंध में उसके नापाक मंसूबे को दर्शाती है।

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