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जरदारी ने कहा, हम बेनजीर हत्याकांड में फैसले के खिलाफ अपील दायर करेंगे

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने शनिवार को कहा कि वह 2007 में बेनजीर भुट्टो की हत्या के मामले में आए फैसले के खिलाफ अपील दायर करेंगे...

Asif Ali Zardari | PTI File Photo- India TV Hindi Asif Ali Zardari | PTI File Photo

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने शनिवार को कहा कि वह 2007 में बेनजीर भुट्टो की हत्या के मामले में आए फैसले के खिलाफ अपील दायर करेंगे। उन्होंने कहा कि वह 5 पाकिस्तानी तालिबान संदिग्धों को बरी करने के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिंध प्रांत के नवाबशाह शहर में ईद उल जुहा की नमाज अदा करने के बाद जरदारी ने अपनी पत्नी की हत्या के मामले में आए फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा, ‘हम इस फैसले से खुश नहीं हैं। हम इसके खिलाफ अपील करेंगे।’

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) की तत्कालीन अध्यक्ष और 2 बार देश की प्रधानमंत्री रह चुकीं बेनजीर की रावलपिंडी के लियाकत बाग में 27 दिसंबर 2007 को चुनावी रैली के दौरान हुए बम विस्फोट और बंदूक से किए गए हमले में मौत हो गई थी। इस हमले में 20 से अधिक अन्य लोगों की मौत हुई थी। पूर्व राष्ट्रपति शुक्रवार को अपनी बेटियों बख्तावर और असीफा भुट्टो जरदारी के साथ नवाबशाह पहुंचे। सिंध के कानून मंत्री जिया लंजर और अन्य PPP नेताओं ने उनका स्वागत किया। जरदारी ने ईद उल जुहा के अपने संदेश में कहा कि यह अवसर किसी उद्देश्य के लिए बलिदान देने की इच्छा का प्रतीक है। उन्होंने यह भी कहा, ‘इस अवसर पर मैं अपने देश के लोगों से उन्हें याद करने का आग्रह करता हूं, जिन्होंने अपनी जिंदगियां कुर्बान कर दीं। हम हृदय से उनके ऋणी हैं।’

PPP ने इससे पहले बेनजीर भुट्टो हत्याकांड पर आतंकवाद रोधी अदालत (ATC) के फैसले को 'निराशाजनक' करार देते हुए खारिज कर दिया और कहा कि पार्टी फैसले को चुनौती देगी। ATC ने गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या मामले में पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को भगोड़ा घोषित कर दिया था। मामले के 5 अन्य अभियुक्तों को बरी कर दिया गया, जबकि 2 पुलिस अधिकारियों को 17-17 साल की कैद की सजा सुनाई गई। पार्टी ने एक बयान में कहा कि मामले में न्याय नहीं हुआ। पार्टी ने कहा कि सबूतों के बावजूद संदिग्ध अल कायदा और तालिबान आतंकवादियों को बरी किया जाना चौंकाने वाला है और यह अल कायदा के आतंकवादियों की जीत है।

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