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Hindi News विदेश एशिया 22 देशों ने कहा- मुसलमानों पर अत्याचार बंद करो, चीन ने कहा- हमारे मामले में मत बोलो

22 देशों ने कहा- मुसलमानों पर अत्याचार बंद करो, चीन ने कहा- हमारे मामले में मत बोलो

उइगर मुस्लिमों के बड़े पैमाने पर हिरासत में लिए जाने की आलोचना करते हुए 22 देशों द्वारा संयुक्त राष्ट्र को पत्र लिखे जाने का चीन ने विरोध किया है।

China hits back after 22 countries sign UN letter condemning mass detention of Uighur Muslims | AP- India TV Hindi China hits back after 22 countries sign UN letter condemning mass detention of Uighur Muslims | AP

बीजिंग: उइगर मुस्लिमों के बड़े पैमाने पर हिरासत में लिए जाने की आलोचना करते हुए 22 देशों द्वारा संयुक्त राष्ट्र को पत्र लिखे जाने का चीन ने विरोध किया है। अफगानिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की सीमा से लगे चीन के शिनजियांग प्रांत में अलगाववादी पूर्वी तुर्किस्तान इस्लामिक आंदोलन (ETIM) के हिंसक हमलों से निपटने के लिए उइगर मुस्लिमों को हिरासत शिविरों में रखा गया है। इन कैंपों के बारे में तमाम चिंताजनक रिपोर्ट्स सामने आने के बाद से पश्चिमी देश लगातार चीन की आलोचना कर रहे हैं।

22 देशों ने जारी किया था संयुक्त बयान
जापान और ब्रिटेन समेत 20 से ज्यादा देशों ने चीन में उइगर और अन्य अल्पसंख्यकों को हिरासत में लिए जाने की आलोचना करते हुए संयुक्त बयान जारी किया है। इसके जवाब में चीन ने इन देशों से उसके आंतरिक मामलों में दखन न देने को कहा है। मानवाधिकार समूहों और अमेरिका का अनुमान है कि शिनजियांग में करीब 10 लाख मुसलमानों को शायद मनमाने तरीके से नजरबंद किया गया है। हालांकि चीन ने इन शिविरों का यह कहते हुए बचाव किया है कि यह पुनर्शिक्षित किए जाने वाले शिविर हैं जिसका मकसद उइगर मुस्लिमों के एक धड़े को कट्टरपंथ से मुक्त करना है।

मुसलमानों पर हैं तमाम पाबंदियां
अनुमानों के मुताबिक 10 लाख उइगुर और तुर्की भाषी लोगों को अस्थाई शिविरों में रखा गया है। चीन ने शुरू में इनकी मौजूदगी से इनकार किया था लेकिन उसने पिछले साल माना कि वे व्यावसायिक शिक्षा केंद्र चला रहे हैं। चीन का कहना है कि इन केंद्रों का मकसद लोगों को मंदारिन और चीनी कानूनों से वाकिफ कराकर धार्मिक चरमपंथ का रास्ता छोड़ने के लिए तैयार करना है। आपको बता दें कि इन केंद्रों में चीन ने तमाम पाबंदियां लगाई हैं और यहां लोग अपने कई धार्मिक क्रियाकलापों को नहीं कर सकते हैं।

उइगर मुसलमानों को इसी तरह के कैदखानों में रखा जाता है | AP Photo

चीन ने कहा, हम उन्हें ‘सुधार’ रहे हैं
चीन ने पहले भी संयुक्त राष्ट्र में बयान देते हुए कहा था कि इन केंद्रों में मुसलमानों के रखने का उद्देश्य उन्हें कट्टरपंथ से मुक्त कर सही रास्ते पर लाना है। उसने कहा था कि इन केंद्रों के शुरू होने के बाद देश में कोई भी आतंकी हमला नहीं हुआ है। इससे पहले सरकार ने यह भी कहा था कि इन केंद्रों में लोगों को धार्मिक गतिविधियों की इजाजत नहीं दी जाती है क्योंकि चीनी कानून शैक्षिक केंद्रों में इस पर रोक लगाते हैं, लेकिन वीकेंड में उन्हें छूट दी जाती है।

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