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Hindi News विदेश एशिया चीनी विदेश मंत्रालय का बड़ा बयान, सैन्य और राजनयिक रास्ते से नजदीकी संपर्क में हैं भारत और चीन

चीनी विदेश मंत्रालय का बड़ा बयान, सैन्य और राजनयिक रास्ते से नजदीकी संपर्क में हैं भारत और चीन

चीन के विदेश मंत्रालय ने गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बीच चीन ने भारत पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

Chinese FM Spokeperson - India TV Hindi Image Source : TWITTER Chinese FM Spokeperson 

चीन के विदेश मंत्रालय ने गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बीच चीन ने भारत पर गंभीर आरोप लगाए हैं। चीनी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा है कि गलवान घाटी चीन का हिस्सा है और भारतीय सेना के साथ जो संघर्ष हुआ है वह चीन का हिस्सा है। चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने विदेश मंत्री के हवाले से कहा कि चीन और भारत मतभेद दूर करने के लिए सैन्य और राजनयिक रास्ते से नजदीकी संपर्क में हैं। बता दें कि सोमवार रात एलएसी पर मौजूद गलवान घाटी में भारत और चीन सेना के बीच खूनी संघर्ष हुआ, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। 
 
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने बयान जारी कर भारत पर आरोप लगाया कि गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच जो संघर्ष हुआ वह हिस्सा चीन का है। भारत ने सहमति का उल्लंघन किया है। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन ने भारत से तनाव खत्म करने की कोशिश की। भारतीय सेना कभी इधर कभी उधर की स्थिति में थी। चीन ने कहा कि हम और झड़प नहीं चाहते। चीन के विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और चीन मतभेद दूर करने के लिए सैन्य और राजनयिक रास्ते से नजदीकी संपर्क में हैं। 

चीनी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा इस घटना के बाद चीन और भारत दोनों ने कहा है ​कि हम संवाद के जरिए विवाद को सुलझाने और बॉर्डर के इलाके में शांति की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। दुनिया के दो सबसे बड़े विका​सशील देशों और उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के साझे हित विवाद से कहीं बड़े हैं। हम कूटनीतिक और मिलिट्री चैनल के जरिए संवाद कर रहे हैं। इस मामले में सही और गलत बिल्कुल साफ है, ये घटना वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीन की तरफ हुई और इसके लिए चीन को दोष नहीं देना चाहिए।

फिर बातचीत की मेज पर भारत चीन 

भारत और चीन के सैनिकों के बीच सोमवार रात हुई खूनी झड़प के बाद एक बाद फिर दोनों देशों ने माहौल में नरमी लाने के संकेत दिए हैं। दोनों देश एक बार फिर बातचीत के लिए तैयार हो गए हैं। माना जा रहा है कि थोड़ी देर में गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच मेजर जनरल के अधिकारी स्तर की बातचीत शुरू हो सकती है। प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत की ओर से 3 डिवीजन के जनरल आफ कमांड मेजर जनरल बपिता भारत की ओर से बैठक का प्रतिनिधित्व करेंगे। 

सेना को मिली इमरजेंसी पावर

सेना के सूत्रों के अनुसार भारत की पूरी कोशिश है कि वह सीमा पर डटे चीनी सैनिकों को भारतीय सेना की मजबूती का प्रदर्शन करे।  यही ध्यान में रखते हुए सेना को 'इमरजेंसी पावर' दे दी गई है। सरकार ने मौजूदा परिस्थिति के अनुसार सीमा पर सैनिकों और हथियारों की मौजूदगी का पूरा अधिकार दे दिया है। माना जा रहा है कि सीमा पर सैनिकों की अधिक मौजूदगी के बाद ही बातचीत की मेज पर भारत का पलड़ा चीन के बराबर हो सकता है।  

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