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Hindi News विदेश एशिया पाकिस्तान की फिर खुली पोल, कोरोना लॉकडाउन में तेजी से बढ़ा यह चलन

पाकिस्तान की फिर खुली पोल, कोरोना लॉकडाउन में तेजी से बढ़ा यह चलन

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान यह चलन और बढ़ा है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने इस महीने पाकिस्तान को धार्मिक आजादी के उल्लंघन को लेकर खास चिंता वाला देश घोषित किया। 

Conversion of religious minority girls in Pakistan increased during lockdown: Human Rights Activist- India TV Hindi Image Source : AP मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान जबरन धर्म परिवर्तन का चलन और बढ़ा है।

कराची: नेहा को गिरजाघर में संगीत की धुन पर स्तुति गान करना पसंद है लेकिन 14 साल की उम्र में जबरन धर्म परिवर्तन कर 45 साल के एक व्यक्ति से निकाह के बाद वह अपने इस शौक को पूरा करने से महरूम हो गयी है। जिस शख्स से नेहा का निकाह हुआ है, उसके बच्चों की उम्र भी उससे दोगुनी है। नेहा का पति बाल विवाह और बलात्कार के आरोप में फिलहाल जेल में है। लेकिन वह डर से छिपी हुई है। सुरक्षा अधिकारियों ने अदालत में उसके भाई के पास से पिस्तौल बरामद की थी। उसने बताया, ‘‘मेरा भाई यह बंदूक मुझे गोली मारने के लिए लाया था।’’ 

नेहा उन हजारों धार्मिक अल्पसंख्यक लड़कियों में से एक है, जिन्हें हर साल जबरन धर्म परिवर्तन कर इस्लाम धर्म कबूल करवाया जाता है। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान यह चलन और बढ़ा है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने इस महीने पाकिस्तान को धार्मिक आजादी के उल्लंघन को लेकर खास चिंता वाला देश घोषित किया। 

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हालांकि, अमेरिका के इस फैसले को पाकिस्तान ने खारिज किया है। पाकिस्तान में एक स्वतंत्र मानवाधिकार आयोग के अनुसार इन लड़कियों को आम तौर पर अगवा किया जाता है और फिर इनका निकाह करवाया जाता है। ऐसी लड़कियों में अधिकतर सिंध प्रांत से गरीब हिंदू लड़कियां होती हैं। सामाजिक कार्यकर्ता जिबरान नसीर इस नेटवर्क को माफिया बताते हैं। 

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इस बीच साउथ एशिया कलेक्टिव्स (एसएसी) ने जारी दक्षिण एशिया अल्पसंख्यक रिपोर्ट 2020 में अल्पसंख्यकों के कम होने के तथ्य उजागर किए। इसके मुताबिक, पाकिस्तान को चाहिए कि वह नागरिकों के सार्वजनिक जीवन पर आक्रामक हमले रोके। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में सुरक्षा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के हालात बेहद चिंताजनक हैं और इससे मानवाधिकार के रक्षकों तथा मुक्त विचारकों के लिए पाक में खतरा बढ़ रहा है।

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