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Pakistan में डॉक्टरों पर आफत, एक ही अस्पताल में 12 कोरोना संक्रमित, कई अन्य भी शिकार

पाकिस्तान में जानलेवा कोरोना वायरस से लड़ रहे डॉक्टरों व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को निजी सुरक्षा उपकरणों (पीपीई) की कमी का सामना करना पड़ रहा है और अब इसका नतीजा सामने आने लगा है।

Pakistan Corona- India TV Hindi Image Source : AP Representational Image

इस्लामाबाद. पाकिस्तान में जानलेवा कोरोना वायरस से लड़ रहे डॉक्टरों व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को निजी सुरक्षा उपकरणों (पीपीई) की कमी का सामना करना पड़ रहा है और अब इसका नतीजा सामने आने लगा है। पंजाब प्रांत के प्रमुख शहर मुलतान में एक ही अस्पताल के 12 चिकित्सक और छह नर्से कोरोना वायरस के शिकार हो गए हैं। देश में अन्य जगहों से भी इस आशय की खबरें हैं। पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, मुलतान के सबसे बड़े अस्पताल, निश्तर मेडिकल हास्पिटल में 12 डॉक्टरों और छह नर्सो का रविवार को कोरोना वायरस टेस्ट पॉजिटिव आया है।

निश्तर मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. मुस्तफा कमाल पाशा ने कहा कि यह सभी एक कोरोना पीड़ित मरीज के इलाज के दौरान इसके संक्रमण का शिकार हो गए। इस व्यक्ति के फेफड़े में संक्रमण का इलाज चल रहा था। उसकी मौत के बाद उसकी कोरोना रिपोर्ट आई जिसमें उसे कोरोना पॉजिटिव बताया गया। इसके बाद उसका इलाज करने वाले मेडिकल स्टाफ और वार्ड में सभी लोगों का कोरोना टेस्ट कराया गया। इसके अलावा इस अस्पताल के 63 डॉक्टरों और 26 पैरामेडिक्स स्टाफ को आइसोलेशन में रखा गया है।

मुलतान की घटना से मचा हड़कंप अभी थमा भी नहीं था कि कराची से खबर आई कि वहां के कई अस्पतालों में कार्यरत 20 चिकित्सकों व अन्य पैरामेडिक्स स्टाफ में कोरोना वायरस के होने की पुष्टि हुई है। चिंताजनक बात यह है कि यह मामले कराची के अलग-अलग इलाकों में स्थित छह अस्पतालों में पाए गए हैं। पाकिस्तान में डॉक्टर लगातार अपने समेत अन्य मेडिकल स्टाफ के लिए पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) की कमी का मुद्दा उठा रहे हैं। कुछ दिन पहले क्वेटा शहर में चिकित्सकों ने इस मुद्दे पर प्रदर्शन किया था और पुलिस ने इन पर लाठीचार्ज किया था।

पाकिस्तान मेडिकल एसोसिएशन के महासचिव डॉ. कैसर जावेद ने 'जियो न्यूज' से कहा कि 'डॉक्टरों का ही सुरक्षित नहीं होना चिंता की बात है। सरकार लगातार कह रही है कि प्रोटेक्टिव गियर केवल उन्हीं को मिलेगा जो आईसीयू में सेवा देंगे।' उन्होंने कहा कि अगर सुरक्षा उपकरण नहीं दिए गए तो डॉक्टर अपने घरों में बैठ जाएंगे और फिर जो स्थिति होगी, उसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

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