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Hindi News विदेश एशिया मुशर्रफ को फांसी की सजा पर बोले PAK मंत्री- फौज में ऐसा गुस्सा कभी नहीं देखा, हालात बिगड़ रहे हैं

मुशर्रफ को फांसी की सजा पर बोले PAK मंत्री- फौज में ऐसा गुस्सा कभी नहीं देखा, हालात बिगड़ रहे हैं

पाकिस्तान के रेलवे मंत्री व अवामी मुस्लिम लीग पाकिस्तान के प्रमुख शेख रशीद ने पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ को अदालत द्वारा दी गई सजा को गलत बताते हुए कहा है कि देश में हालात बिगड़ रहे हैं, फौज में इस वक्त ऐसा गुस्सा है जैसा उन्होंने पहले कभी नहीं देखा।

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रावलपिंडी: पाकिस्तान के रेलवे मंत्री व अवामी मुस्लिम लीग पाकिस्तान के प्रमुख शेख रशीद ने पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ को अदालत द्वारा दी गई सजा को गलत बताते हुए कहा है कि देश में हालात बिगड़ रहे हैं, फौज में इस वक्त ऐसा गुस्सा है जैसा उन्होंने पहले कभी नहीं देखा। रशीद ने एक कार्यक्रम में कहा, "हालात को और बिगड़ते देख रहा हूं। फौज में ऐसा गुस्सा और दुख कभी नहीं देखा। जिन लोगों ने देश को लूटा, उन्हें कोई पूछने वाला नहीं है और जिस शख्स ने (परवेज मुशर्रफ ने) 'कारगिल और सियाचिन में जीत के झंडे गाड़े', उससे पूछा जा रहा है।"

उन्होंने कहा कि इस फैसले पर आईएसपीआर (पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा) ने जितना सख्त बयान जारी किया है, उससे वह हालात में बहुत खराबी आती देख रहे हैं। इस कड़वाहट को खत्म करना होगा।

गौरतलब है कि मंगलवार को एक विशेष अदालत द्वारा संगीन राजद्रोह के मामले में पूर्व राष्ट्रपति मुशर्रफ को मौत की सजा सुनाई गई। मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह का यह मामला दिसंबर 2013 से लंबित था। उनके खिलाफ यह मामला तीन नवंबर, 2007 को संविधान को निलंबित कर आपातकाल लागू करने के लिए चल रहा था।

इस फैसले पर पाकिस्तानी सेना की आधिकारिक मीडिया विंग इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने एक बयान में अदालत के फैसले पर नाखुशी जाहिर करते हुए कहा कि 'समूची पाकिस्तानी सेना में इस फैसले को लेकर दुख, पीड़ा और बेचैनी है। आईएसपीआर ने कहा कि मुशर्रफ, जिन्होंने सैन्य प्रमुख, ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष और पाकिस्तान के राष्ट्रपति के रूप में वर्षों तक सेवा की, देश की रक्षा के लिए युद्ध लड़े, वे निश्चित रूप से कभी देशद्रोही नहीं हो सकते।

कोर्ट के फैसले पर नाराजगी जताते हुए सेना ने कहा कि विशेष अदालत ने जल्दबाजी में मामले को समाप्त करने के अलावा कानूनी प्रक्रियाओं को भी नजरअंदाज किया है। आईएसपीआर ने कहा कि सशस्त्र बल अभी भी इस्लामी गणतंत्र पाकिस्तान के संविधान के अनुरूप न्याय की उम्मीद कर रहा है।

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