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मालदीव: भारत के साथ ‘एक और टकराव’ नहीं चाहता चीन, दिया यह बड़ा बयान

मालदीव का मामला धीरे-धीरे भारत और चीन दोनों के लिए 'नाक का सवाल'बनता जा रहा है...

Narendra Modi and Xi Jinping | AP Photo- India TV Hindi Narendra Modi and Xi Jinping | AP Photo

बीजिंग: मालदीव का मामला धीरे-धीरे भारत और चीन दोनों के लिए 'नाक का सवाल' बनता जा रहा है। दरअसल, सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस देश पर चीन का प्रभाव हाल के वर्षों में बढ़ा है, और यह भारत के लिए चिंता का विषय है। वहीं, इस मसले को लेकर चीन ने शुक्रवार को कहा कि वह मालदीव में जारी राजनीतिक उथल-पुथल के समाधान के लिए भारत से संपर्क में है और बीजिंग नहीं चाहता है कि यह मामला एक और ‘टकराव का मुद्दा’ बने। 

भारत के विशेष बलों की तैनाती के लिए तैयार होने से जुड़ी खबरों के बीच चीन के आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि बीजिंग इस बात पर कायम है कि किसी भी तरह का बाहरी हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। उनके मुताबिक चीन मुद्दे के समाधान के लिए भारत के संपर्क में है। सूत्रों ने बताया कि चीन नहीं चाहता है कि मालदीव एक और ‘टकराव का मुद्दा बने।’ डोकलाम में भारत और चीन के बीच गतिरोध एवं संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी आतंकी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने में बीजिंग की बाधा से हाल में द्विपक्षीय संबंध प्रभावित हुए हैं।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच आज हुई बातचीत सहित मालदीव से संबंधित कई सवालों के जवाब में कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को मालदीव की संप्रभुता और स्वतंत्रता का सम्मान करना चाहिए। आपको बता दें कि मालदीव में चीन ने बड़े पैमाने पर निवेश किया हुआ है। इसके अलावा वर्तमान राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन का झुकाव चीन की तरफ ज्यादा है, जबकि पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद चीन को खतरा और भारत को मित्र मानते हैं।
(PTI इनपुट्स के साथ)

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